महिला मत्स्य पालकों को एफएफ पीओ से जोड़ने की कवायद

जबलपुर। प्रदेश में आदिवासी महिला मत्स्य पालकों को सरकार की मत्स्य पालन की महत्वाकांक्षी योजनाओं से जोड़ने के लिए नए मत्स्य कृषक उत्पादन संगठन (एफएफपीओ) बनाने की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी एक दिवसीय प्रवास पर जबलपुर आए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के क्षेत्रीय निदेशालय के निदेशक शैलेन्द्र सिंह ने पीपुल्स समाचार से खास चर्चा में दी।
श्री सिंह ने बताया देश में करीब 50 से ज्यादा एफएफपीओ काम कर रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश में सिर्फ पांच शहरों में एफएफपीओ हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की दिशा में क्षेत्रीय निदेशालय तेजी से काम कर रहा है। एफएफपीओ के माध्यम से विशेषतौर पर आदिवासी महिला मत्स्य पालकों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जबलपुर सहित अन्य जिलों में प्रचार-प्रसार, जागरुकता के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इन शहरों में बनाए जाएंगे एफएफपीओ
श्री सिंह के मुताबिक मध्य प्रदेश जलाशय वाले जिलों को पहली प्राथमिकता के तौर पर शामिल किया जा रहा है। इसमें जबलपुर, बालाघाट, टीकमगढ़ जिले को रखा गया है।
काम के लिए मिलती है ग्रांट
एफएफपीओ से जुड़े सदस्यों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों के लिए एक एफएफपीओ को 33 लाख रुपए की ग्रांट मिलती है। एक एफएफपीओ में कम से कम 100 व अधिक से 300 सदस्य हो सकते हैं। इनमें 33 प्रतिशत महिलाओं का होना जरूरी है।