नायब तहसीलदार की नौकरी लगवाने के नाम पर नकली एसडीएम ने की ठगी

नायब तहसीलदार की नौकरी लगवाने के नाम पर नकली एसडीएम ने की ठगी

इंदौर। मां-बेटे को सरकारी नौकरी लगवाने और योजना में सस्ता प्लॉट दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक नकली एसडीएम को इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने शिकायत के बाद गिरफ्त में लिया है। एडीसीपी क्राइम ब्रांच गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि हिमांशु जैन निवासी शबरी नगर सुखलिया की शिकायत पर मुकेश सिंह राजपूत निवासी ग्राम रतवाडा जिला होशंगाबाद के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बताकर सरकारी नौकरी और सस्ता प्लॉट दिलाने के नाम पर करीब 5 लाख की ठगी की थी।

दरअसल हिमांशु का पिपलियाहाना में स्टूडियो है, जहां पर वह म्यूजिक कम्पोजिंग और रिकॉर्डिंग का काम करता है। यहीं पर करीब ढाई साल पहले मुकेश सिंह से हिमांशु की पहचान हुई थी। मुकेश सिंह ने बताया था कि अगर उन्हें घर के किसी सदस्य की नौकरी लगवाना है, तो उसे बताना उसकी इंदौर में पोस्टिंग है।

पहले भी ठगी कर चुका है बदमाश

क्राइम ब्रांच को जानकारी लगी है कि उसने करीब पांच साल पहले सीहोर में भी एक व्यक्ति के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में उस पर केस दर्ज हुआ था। मुकेश के पिता पेशे से किसान हैं। फिलहाल क्राइम ब्रांच आरोपी से पूछताछ कर ठगी के अन्य मामलों का पता लगा रही है।

दो बार खुशी-खुशी ठगाया पीड़ित

मुकेश सिंह के भरोसे में आकर हिमांशु ने मौसी के लड़के शशांक जैन को नायब तहसीलदार की पोस्ट और सुलभा जैन रिश्तेदार को क्लर्क की नौकरी दिलाने की बात की और मुकेश सिंह को करीब 2 लाख 50 हजार रुपए दे दिए। इतना ही नहीं, हिमांशु ने सरकारी योजना के तहत प्लॉट दिलाने के नाम पर भी 2 लाख 30 हजार रुपए मुकेश को दे दिए। इसके बाद मुकेश लगातार मामले को टालता रहा। दिसंबर माह में वह घर भाग गया। कुछ समय बाद उसने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी को उसके घर से धरदबोचा।