मौसम की बेरुखी से किसान चिंतित, नहरों से पानी नदारद

जबलपुर। अच्छे मानसून के बावजूद अपेक्षाकृत बारिश न होने से किसानों की हालत चिंतनीय है। खास बात ये है कि बरगी बांध से ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने वाली नहरों से भी सिंचाई के लिए पानी न मिलने से किसानों को फसलों की चिंता सताने लगी है। जिले में नहरों की बद्तर हालत किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में जर्जर नहरों से पानी मिलना संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मानसून की बेरुखी से किसान चिंता में हैं। वर्तमान में तेज धूप के कारण फसले पीली पड़कर सूखने लगी हैं। कई बार किसानों ने जिम्मेदारों को अवगत कराया लेकिन अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वहीं अघोषित विद्युत कटौती के कारण भी सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है।
रबी सीजन के लिए आसन्न संकट
किसानों की मानें तो वह बिजली कटौती के कारण वह अपने साधनों से सिचाई भी नही कर पा रहा है। सरकार का वायदा 10 घंटे बिजली देने का है, पर उसे 3,4 घंटे भी बिजली नसीब नही हो रही है। घरेलू लाइट में भी अघोषित कटौती से गर्मी के कारण रातें कटना मुश्किल हो रहा है। खास बात ये है कि खरीफ के बाद आगामी रबी सीजन में भी बिजली का आसन्न संकट नजर आ रहा है। बिजली दμतरों में ट्रांसफार्मर से लेकर लोड बढ़ाने के लिए सैकड़ों आवेदन दिए जा चुके हैं, इसके बावजूद सरप्लस पर चल रहा बिजली फेक्टर अन्नदाताओं को उपेक्षित कर रहा है।
3 माह से नहीं हुई बैठक
गौरतलब है कि कलेक्टर द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को किसान प्रतिनिधियों की बैठक रखी जाती थी। इस बैठक के माध्यम से कलेक्टर को किसान अपनी समस्याओं से अवगत करा पाते थे, परन्तु विगत 3 माह से बैठक ही आयोजित नहीं की गई। इससे किसानों में प्रशासन के प्रति भी रोष बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों की वर्तमान हालातों को कोई समझने भी तैयार नहीं है।
किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को मेल किया है। किसानों की वर्तमान वस्तु स्थिति की जानकारियों से उन्हें अवगत कराते हुए मदद की गुहार लगाई है। मंगलवार को रुष्ट किसान कलेक्टर के समक्ष अपनी बात जोरदारी से रखेंगे। -केके अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकृस