मिडिल क्लास पर फोकस राहत ही राहत

मिडिल क्लास पर फोकस राहत ही राहत

नई दिल्ली/भोपाल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद भवन में बजट 2023-24 पेश किया। मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी आम बजट भी है। सरकार ने इस बजट में मिडिल क्लास को राहत दी है। साथ ही आयकर में छूट देकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अमृत काल में हमारा लक्ष्य सर्वांगीण विकास का है। वित्त मंत्री ने आयकर में छूट के लिए पांच बड़े ऐलान किए हैं। इसमें 7 लाख रुपए तक की आय को कर से छूट दी गई है। वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर 25 लाख रुपए तक के लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा सरकार का फोकस मोटे अनाज, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और लगभग सभी क्षेत्रों पर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा, जैविक खेती के लिए सरकार ने इस बजट में कई प्रावधान किए हैं। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा, जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। देश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ नए नर्सिंग कॉलेज और अनुसंधान केंद्रों को स्थापित करने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से देश अभी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इससे लड़ने के लिए 220 करोड़ कोविड टीके दिए गए हैं।

कोई शायरी नहीं

वित्त मंत्री सीतारमण ने लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया। लंबे समय बाद यह पहला मौका रहा, जब बजट भाषण के दौरान शायरी का दौर नहीं चला। बजट पेश करने से पहले वित्तमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति ने बजट को मंजूरी दी।

प्राथमिकता ग्रीन ग्रोथ, मोटे अनाज को बढ़ावा देने प्रावधान 

बजट 2022-23 में हरित खेती, हरित ऊर्जा पर विशेष जोर देने की बात की गई। किसानों के लिए कृषिवर्धक निधि पेश की जाएगी। इसके जरिए कृषि संबंधित स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा, जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही है।

1 करोड़ किसानों के लिए शुरू होगी ‘पीएम प्रणाम’ योजना:

प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर एक करोड़ किसानों के लिए 'पीएम प्रणाम' योजना शुरू की जाएगी। बजट में प्रमुखता से इसका उल्लेख करते हुए केमिकल फर्टिलाइजर के संतुलित प्रयोग के साथ वैकल्पिक फर्टिलाइजर को प्रोत्साहन देने की घोषणा है। 10 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च: योजना पर 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे धरती के प्रदूषण को घटाकर मिट्टी की सेहत में सुधार होगा, वहीं 'गोबरधन' जैसी योजना से 500 नए संयंत्र लगाए जाएंगे। आम बजट में मिट्टी की सेहत के साथ कृषि उपज की पोषण क्षमता में वृद्धि को प्रमखता दी गई है।

157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे, रिसर्च पर फोकस

2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ को-लोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ नए नर्सिंग कॉलेज और अनुसंधान केंद्रों को लेकर घोषणा की गई। कोविड-19 से मुकाबले के लिए 220 करोड़ कोविड टीके दिए गए।

एकलव्य स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती होगी

तीन वर्षों में देश के 740 एकलव्य स्कूलों में 38 हजार 800 शिक्षकों और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का बजट 2,000 करोड़ कर दिया है। डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंड दिया जाएगा। 3 वर्षों में पीएम कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत की जाएगी। इससे, इंडस्ट्री फोकस्ड कोर्सेस लांच होंगे, जिनमें रोबोटिक्स, कोडिंग, आदि शामिल हैं। यूनिफाईड डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना के साथ कौशल विकास में तेजी आएगी।

देश में दौड़ेगी 75 वंदे भारत

बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। यह रेलवे के लिए अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। रेलवे का बजट लगभग 80 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। अगस्त 2023 तक देशभर में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ेगी। इसके अलावा रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण और कई प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा।

आयकर में राहत: 7 लाख तक टैक्स नहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा

सैलरी वाले मध्यमवर्ग के लिए सबसे बड़ी राहत इस बार बजट में मिली है। वित्त मंत्री ने आयकर को लेकर पांच बड़े ऐलान किए हैं। इनमें 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। पहले यह 5 लाख रुपए थी। इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव किया गया। नए रिजीम में आयकर में छूट की शुरुआती सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया है। पहले यह 2.50 लाख रुपए थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन में थोड़ी राहत दी गई है। अगर आपकी आय 15.58 लाख रुपए या उससे ज्यादा है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन में 52,500 रुपए का फायदा होगा। सुपर रिच टैक्स घटा दिया गया है। इसे 42.74 से घटाकर 37 प्रतिशत किया जा रहा है। वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर 25 लाख रुपए तक के लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा।

रेलवे:

2.40 लाख करोड़ का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करने के दौरान रेलवे के लिए भी कई अहम घोषणाएं की हैं। रेलवे का कायापलट करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2.40 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया है, जो अब तक का सबसे बड़ा रेल बजट है। इस बार का रेल बजट साल 2013-14 में रेलवे को दिए गए पैसे का करीब 9 गुना अधिक है।

???? नई योजनाओं के लिए 75 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है।

???? रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय 2023-24 के बजट अनुमान में 2,65,000 करोड़ रुपए रखा गया है, जबकि संशोधित अनुमान 2022-23 में 2,42,892.77 करोड़ रुपए था।

???? वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में रणनीतिक लाइनों के संचालन पर हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति 487.51 करोड़ रुपए रखी गई है।

???? यात्री, माल, अन्य कोचिंग और रेलवे भर्ती बोर्ड से राजस्व प्राप्त करने वाली रेलवे की कुल प्राप्ति 2023-24 के बजट अनुमान में 2,65,000 करोड़ रखी गई है, जबकि 2022-23 के संशोधित अनुमान के 2,42,892.77 करोड़ रुपए हैं।

???? ग्राहकों की सुविधाओं के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत वाली रेलवे स्टेशन परियोजनाओं के साथ मेट्रो स्टेशन का एकीकरण शामिल है।

???? रेलवे के लिए रोलिंग स्टॉक का आवंटन संशोधित अनुमान 2022-23 के 15,157.86 करोड़ रुपए से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 37,581 करोड़ रुपए हो गया है।

???? राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोचों के नवीनीकरण की योजना है। इनके अंदरूनी हिस्सों में आधुनिक लुक के साथ और बेहतर सुविधाओं के लिए सुधार किया जाएगा।

रक्षा क्षेत्र:

बजट में वर्ष 2023-24 के लिए रक्षा क्षेत्र को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। पिछले साल की तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक है। पिछले बजट में 5.25 लाख करोड़ आवंटित हुए थे। भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के रक्षा बजट (11.3 अरब डॉलर) से दोगुने से भी अधिक है। चीन का रक्षा बजट (293.35 अरब डॉलर) भारत के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है। ये आंकड़े 2021 के बजट पर आधारित हैं।

खुलेंगे 30 इंटरनेशनल सेंटर, रोबोटिक्स में युवा बनेंगे दक्ष:

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीन चरण ला चुकी सरकार जल्द ही चौथा चरण शुरू करेगी। अब युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स जैसी विधाओं में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए विभिन्न राज्यों में कुल 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खुलेंगे, जहां नई पीढ़ी को नए युग की 'साμट स्किल' देने की योजना है। बजट में 1600 करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी: इस मंत्रालय का बजट 1600 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाया गया है। पिछली बार 1901.71 करोड़ का आवंटन था, जबकि इस बार इसे 3517.31 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

शेयर बाजार:

बिना दावे वाले शेयरों और लाभांश को फिर से हासिल करने के लिए एक एकीकृत आईटी पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। सरकार आईएफएससी गिμट सिटी में पंजीकरण और अनुमोदन के लिए एकल खिड़की प्रणाली भी स्थापित करेगी।

एमएसएमई की चांदी:

बजट में एमएसएमई को राहत देने के लिए नई क्रेडिट गांरटी स्कीम का प्रस्ताव पेश किया गया है। एमएसएमई के लिए 9,000 करोड़ रुपए के साथ एक संशोधित ऋण गारंटी योजना एक अप्रैल से शुरू की जाएगी। इस स्कीम से एमएसएमई को 2 करोड़ रुपए का एडिशनल कोलेट्रल फ्री कर्ज लेने में मदद मिलेगी।

अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा यह रोड मैप

घोषित केंद्रीय बजट 2023 को विकासात्मक सह लोकलुभावन बजट कहा जा सकता है। बजट में कुछ क्षेत्रों को मान्यता दी गई है। भविष्य के विकास के लिए विशेष रूप से बुनियादी ढांचा, रक्षा और बैंकिंग के लिए रोड मैप अर्थव्यवस्था को किसी न किसी तरह से बढ़ावा देगा। इस बजट में मुकदमों के फास्ट ट्रैक समाधान विशेष रूप से कराधान और दिवाला संबंधित, कपड़ा क्षेत्र के लिए विकास, छोटे और मध्यम व्यापार घरानों और छोटे करदाताओं को राहत जैसी बहुत सी उम्मीदें अभी भी छूटी हुई हैं। शेयर बाजार की हाल की प्रतिक्रिया से यह भी पता चलता है कि बजट व्यावसायिक उम्मीदों तक पहुंचने में विफल रहा है और विभिन्न क्षेत्रों की अभी भी अनदेखी की जा रही है, जिसके कारण कपड़ा, रेल सहायक, बिजली और रसायन आदि जैसे क्षेत्रों की कीमतों में तेज गिरावट देखी जा रही है। कुल मिलाकर अब केंद्रीय बजट में कुछ खास नहीं है, क्योंकि अधिसूचनाओं और परिपत्रों के माध्यम से साल भर में बदलाव भी सोचे समझे जाते हैं। कराधान क्षेत्र में भविष्य की विकास योजनाओं और लोकलुभावन उपायों को देखते हुए कुल बजट को 6/10 रेटिंग दी जा सकती है।

                                                                                                                                                       -स्वप्निल अग्रवाल सीए, पूर्व अध्यक्ष आईसीएआई, नागपुर

नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देता है बजट

केंद्रीय बजट-2023 का फोकस नि:संदेह एक प्रौद्योगिकी और ज्ञान संचालित अर्थव्यवस्था बनाने पर है, जो भारत को अमृत काल की ओर ले जाएगा। बजट बुनियादी ढांचे, स्थिरता, नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देता लग रहा है। सफल भारत@100 के लिए नागरिकों, विशेषकर युवाओं के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। बजट में शीर्ष प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है, जैसे कि समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश, हरित वृद्धि, युवा शक्ति जो कि स्वागत योग्य कदम हैं। महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, बड़े बाजारों की सेवा के लिए परिचालन को बढ़ाना और हरित विकास, ऊर्जा के कुशल उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना भी कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य और लक्ष्य हैं। व्यक्तिगत आयकर में रियायत सरकार की मध्यम वर्गीय परिवार के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है। मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया का अपना दृष्टिकोण, शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में एआई के लिए उत्कृष्टता के तीन केंद्र की स्थापना की घोषणा, हेल्थकेयर को प्राथमिकता, फार्मा में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए नए कार्यक्रम की घोषणा स्वागत योग्य कदम है। इनोवेशन शब्द का अधिक से अधिक उपयोग वर्तमान सरकार की बौद्धिक संपदा अधिकार के विकास के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है।

                                                                                                                                    -डॉ. नीति दीवान ‘पेटेंट एवं ट्रेडमार्क अटार्नी’ आरके दीवान फर्म, मुंबई

मप्र को बजट का लाभ नहीं

बजट में उन्नत प्रदेशों की राह उन्नति की ओर है पर मप्र जैसे राज्य जहां पर 20 प्रतिशत आदिवासी और 50 प्रतिशत ओबीसी जनसंख्या जनता में शामिल हैं, वह अभी तक स्किल और डिजिटल शिक्षा में पीछे हैं । मप्र. को बजट का वह लाभ नहीं मिल पाएगा, जो सीतारमन जी की इच्छा है। नए नर्सिंग कॉलेज मेडिकल कॉलेज के साथ खुलेंगे, पर मप्र. में अंगे्रजी शिक्षा की कमी है। इससे मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज में अंग्रेजी ज्ञान कम होने के कारण जो रोजगार मिल सकता है, वह मप्र. के लोगों को नहीं मिल पाएगा। यह चुनावी बजट है और इसमें आर्थिक मंदी, जो विश्व में आई है, उसका असर वित्तीय व्यवस्था पर भी पड़ेगा। भारत सरकार ब्याज के पेमेंट में ही जीडीपी का 20 प्रतिशत खर्च कर रही है और वर्ष 2024-25 और मुश्किल होगा।

                                                                                                                                                                                                 -राजेंद्र कोठारी, अर्थशास्त्री

मध्यम वर्ग, महिलाओं के लिए काफी कुछ दिया

अगले वर्ष आने वाले लोकसभा चुनावों के कारण बजटमें मध्यम आय वर्ग, महिला, किसान, युवा और बुजुर्गों आदि सभी में कुछ न कुछ देने का प्रयास किया गया है। मध्यम वर्ग: इस बार मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी छूट मिली है, शायद इतनी अपेक्षा भी नहीं थी। अब इस वर्ग को 7 लाख रुपये तक भी आय पर कोई कर नहीं देना होगा। आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच कर दी गई है। मंहगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है कि मोबाइल फोन, टीवी और इलेक्ट्रिक गाड़िया अब सस्ती होगी।

महिला और वरिष्ठ नागरिक: महिलाओं के आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता के लिए महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। वहीं वरिष्ठ नागरिक खाता योजना की सीमा 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए की जाएगी।

किसान: किसानों के ऋण के लिए बजट आवंटन बढ़ाया गया हैं। कृषि से जुड़े स्टार्टअप, कार्यों और व्यवसायों को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि ऋण को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ कर दिया गया है। बागवानी को प्रोत्साहन हेतु सहायता फंड में भी लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि है। कृषि और कृषक को भी पूरी प्राथमिकता है।

स्वास्थ: ग्रामीण मेडिकल अधोसंरचना और उपचार व्यवस्था के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है। 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की बात बजट भाषण में है। चिकित्सकों की उपलब्धता और चिकित्सा अनुसंधान के प्रोत्साहन पर खास जोर बजट में दिया गया है।

शिक्षा: आवासीय स्कूलों में नए अध्यापक और स्टाफ कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित होंगे। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में नए प्रशिक्षकों के जरिए युवाओं को स्वरोजगार की दृष्टि से रोजगारपरक प्रशिक्षण और कौशल वृद्धि की जाएगी, जिससे वे स्वावलम्बी बन सकें।

                                                                                                                                                                                      -देवकान्त त्रिपाठी, बजट विश्लेषक

संभावनाओं का सीमित दोहन

बजट उपलब्ध संभावनाओं के दोहन का सीमित प्रयास मात्र है। इसमें निम्न व मध्यम आय वर्ग को कर व प्रोत्साहन के माध्यम से संतुष्ट करने का प्रयास किया गया। देश को हरित अर्थव्यवस्था का स्वरूप देने की दृष्टि से इस बजट में बहुआयामी प्रयास किए गए है, किंतु संसाधनों की कमी इन प्रयासों के क्रियान्वयन में सफलता को संदिग्ध करती है। छोटे उद्योगों के लिए तरलता बढ़ाने की दृष्टि से उनके भुगतानों को सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही सराहनीय काम हुआ है। इससे कार्यशील पूंजी की आवश्यकता कम होगी और दूसरी ओर ब्याज का बोझ कम होगा। कुल मिलाकर वित्तमंत्री ने उपलब्ध संसाधनों का हर वर्ग में बंटवारे का प्रयास किया है,किंतु इसका लाभ सभी को मिल सकेगा,यह भविष्य के गर्त में है।                         

                                                                                                                                                            -गौतम कोठारी, अध्यक्ष, पीथमपुर औद्योगिक संगठन

देर से ही सही, ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास की याद तो आई...

मोदी 2. 0 का अंतिम पूर्ण बजट पेश करने से लगभग दो सप्ताह पहले ही जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह ‘मिडिल क्लास’ के दबावों को समझती हैं, तभी इस बात की संभावना नजर आने लगी थी कि चुनावी वर्ष में मोदी सरकार इस वर्ग की सुध लेगी। देर से ही सही, मगर सरकार ने आखिर ‘ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास’ की सुध लेकर बजट में आयकर की सीमा बढ़ा दी। मध्यम वर्ग, जिसमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं, उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस बार मोदी सरकार के पास उनके पास परोसने के लिए कुछ तो होगा ही। बजट के जरिये सरकार भी उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी। सरकार ने कई लक्ष्यों को साधने की कोशिश है। आयकर छूट की सीमा बढ़ाने और सरचार्ज में 12 प्रतिशत की कमी बेहतर निर्णय कहा जा सकता है। इससे करदाताओं को जो बचत होगी, वह उपभोक्ता बाजार में मांग बढ़ाएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। दरअसल, कोरोना काल के बाद जब जीएसटी कलेक्शन माह दर माह बढ़ा और इसमें स्थायित्व आया तो वित्तमंत्री ने भी राहत देने की गुंजाइश बनाई। सरकारी पूंजीगत खर्च या कैपिटल एक्सपेंडिचर को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ करने की घोषणा की गई है। बजट ने पूंजीगत खर्च पर विकास के इंजन के रूप में ध्यान केंद्रित रखने के साथ ही वित्तीय समेकन पर भी नजर रखी है। बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपयों का आवंटन किया गया है। सीतारमण का दावा है कि रेलवे के लिए इतना आवंटन पहले कभी नहीं किया गया। पीएम आवास योजना में जो योगदान बढ़ाया गया है, वह भी स्वागत योग्य है। इस बजट से महिलाओं का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से जिलास्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे, इसका उल्लेख किया गया है। चिंता की बात यह है कि सरकार को इस साल भी भारी वित्तीय घाटा सहना पड़ेगा। बजट के पूर्वानुमान के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 6.4 प्रतिशत रहेगा। अगले वित्त वर्ष के अंत तक इसे 5.9 प्रतिशत पर लाने की कोशिश की जाएगी।

ग्रामीणों के सहारे पर कैंची

गांवों में श्रमिकों का सबसे बड़ा सहारा बनने वाली मनरेगा में न सिर्फ लगातार श्रमदिवस कम हो रहे हैं, बल्कि बजट में कटौती दिखाई पड़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा के मद में कुल 60,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह बीते वित्त वर्ष के संशोधित बजट 89,000 करोड़ रुपए से करीब 34 फीसदी कम है। यह लगातार तीसरा वर्ष है, जब मनरेगा के बजट में कटौती की गई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में 25.5 फीसदी और 2021-22 में 34 फीसदी कटौती की गई थी। बजट कम होने का सीधा मतलब श्रमदिवस के कम होने और रोजगार के अवसरों में कमी से भी है।

बीमा की बचत भी टैक्स के दायरे में

पूरे बजट में कहीं भी महंगाई को कम करने के उपाय पर बात नहीं हुई। इसके अलावा पहली बार जीवन बीमा को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है। यानी मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट टैक्सेबल होगा। एक अप्रैल के बाद ली जाने वाली बीमा पॉलिसी पर यह लागू होगा।