औपचारिक सर्वे शुरू, किसानों को राहत राशि का इंतजार

औपचारिक सर्वे शुरू, किसानों को राहत राशि का इंतजार

जबलपुर।  हाल ही में जिले में हुई बारिश और ओले गिरने से किसानों की फसलें नष्ट हो गईं हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से किसानों को मुआवजा देने के बाद किसानों को सर्वे का इंतजार है। वहीं किसानों का आरोप है कि पटवारी व अन्य अधिकारी औपचारिक सर्वे ही कर रहे हैं। वास्तविक क्षति का सही आंकलन नहीं हो रहा है, वहीं 50 फीसदी से कम नुकसान वाले किसानों को संशय है कि वे मुआवजे से वंचित रहे जाएंगे। गौरतलब है कि ओले गिरने के बाद पाटन, मझौली और कटंगी में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। यहां खेतों में गेहूं की फसलें चौपट हो गई हैं वहीं सूख रही चने और दलहनी फसलों को भी खासा नुकसान हुआ है। खास बात ये है कि कई इलाकों में गेहूं की फसल भी पकने के पूर्व ही खराब हो गई है। हालांकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर खेतों पर जाकर किसानों का मुआवजे के लिए आश्वस्त कर रहे हैं।

किसानों की यह प्रमुख समस्या

किसानों की मानें तो परिवार के बंटवारे के बाद दो हिस्सों में जमीन बंट गई है। ऐसे में एक हिस्सा एक किसान के तो दूसरे हिस्से में उसके भाई के खेत में नुकसान हुआ है। अब हेक्टेयर के हिसाब से 50 फीसदी का आंकड़ा पूरा न हो पाने से मुआवजे की उम्मीद खत्म सी हो गई है।

2 लाख हेक्टेयर में उपार्जन

उल्लेखनीय है कि जिले में 2 लाख से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र के रकबे में गेहूं का उपार्जन किया गया है। हाल ही में हुई बारिश के बाद 14 हजार हेक्टयर रकबे में नुकसान का अनुमान लगाया गया है। खास बात ये है कि ओलों की मार से किसी किसान को खासा नुकसान हुआ है तो कई किसानों के खेत ओले की मार से बच गए हैं।

यहां मूंग, उड़द और चने का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। कई किसानों ने कर्ज लेकर बोवनी की थी, वे सड़क पर आ गए हैं। गुरुवार को कुछ इलों में सर्वे हुआ है, मुआवजा राशि मिलने से कुछ राहत मिल सकती है। करन घटेरा, किसान मझौली

ओलों से सर्वाधिक नुकसान मझौली क्षेत्र में हुआ है। अभी तक सर्वे टीम नहीं पहुंची है। नुकसान का प्रतिशत कम होना चाहिए क्योंकि छोटे किसान मुआवजे से वंचित रह जाएंगे जिनका सर्वाधिक नुकसान हुआ। रघु पटेल, किसान, कैथरा मझौली

प्रशासनिक अधिकारियों को शीघ्र ही सर्वे कराने मोबाइल पर अपील की है। अन्य जिलों की तुलना में यहां सर्वे कार्य ने तेजी नहीं पकड़ी है। किसानों ने कर्ज लेकर फसल लगाई थी, अब उन पर संकट बढ़ गया है। केके अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकृस

मेरे खेत में 40 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। गेहूं की बालियां टूट कर झड़ गई हैं। कल एसडीएम पटवारी ने निरीक्षण किया है। विधायक अजय विश्नोई ने मुआवजा दिलाने आश्वस्त किया है। जागेन्द्र सिंह कृषक, भिड़की