नेत्रहीन छात्राओं को फ्री कंप्यूटर ट्रेनिंग, ताकि मिल सके जॉब

नेत्रहीन छात्राओं को फ्री कंप्यूटर ट्रेनिंग, ताकि मिल सके जॉब

इंदौर। नेत्रहीनों के अंधेरे जीवन में अनुभूति की रोशनी के माध्यम से हमें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। पहले जिस कंप्यूटर को छुआ तक नहीं था आज उस पर अपना बायोडाटा खुद बना लेती हूं। यह कहना है दष्टिबाधित एलएलबी सेकेंड ईयर की छात्रा बबीता गौर का। उन्हें राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ द्वारा संचालित एनएफबी ज्ञानदीप स्पर्श कन्या उच्च शिक्षा छात्रावास की छात्राओं के साथ वैष्णव इंस्टिट्यूट आॅफ मैंनेजमेंट द्वारा नि:शुल्क ट्रेंनिग दी जा रही हैं। संस्था की 40 नेत्रहीन छात्राओं को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, इंल्गिश स्पीकिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें जॉब के लिए तैयार करने के उद्देश्य से बायोडाटा बनाना , ग्रुप डिस्कशन एवं पर्सनल इनट्रक्शन भी सिखाया जा रहा है।

राष्ट्रपति अवार्ड ट्रेनर देती हैं ट्रेनिंग: छात्राओं को कंप्यूटर की ट्रेनिंग राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित दृष्टिबाधित राबिया खान दे रही हैं। नेत्रहीन छात्राओं को सीखाने के लिए संस्थान ने स्पेशल सॉफ्टवेयर खरीदा है जिससे छात्राओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। कोर्स को पूरा होने में तीन - चार माह का समय लगता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी जाएगी। कॉलेज ने पिछले साल अनुभूति कार्यक्रम के तहत इसकी शुरूआत की है। इस कोर्स के अंतर्गत 8-8 स्टूडेंट को कंप्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक 16 स्टूडेंट बेसिक कंप्यूटर सीख चुकी हैं।

ट्रेनिंग शुरू हुए एक माह का समय ही हुआ है। पहली बार कंप्यूटर को स्पर्श किया तो काफी अच्छा लगा। परिवार की आर्थिक स्थित कमजोर है बाजार में यह कोर्स सीखने के लिए कम से कम आठ से 10 हजार रूपए लगते है जो वह अब फ्री में सीख रही हूं। -ज्योति स्टूडेंट

जिस समाज में हम रहते हैं, वहां से कुछ लेते हैं तो उसे लौटाना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। यह हमें सिखाता है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करना कितना जरूरी है। - डॉ. जार्ज थामस, डायरेक्टर वैष्णव इंस्टीट्यूट