पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रभान राय
जबलपुर। आजादी के मतवालों ने अपने घर के लिए नहीं, अपनी जाति के लिए नहीं, अपने जिले के लिए नहीं, अपने प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत वासियों के लिए अपना घर छोड़ आजादी की लड़ाई लड़ी। मात्र 13 वर्ष की उम्र में आजादी की मशाल लेकर गोवा मुक्ति संग्राम के आंदोलन में कूदने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रभान राय आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने कार्यों से अनंत काल तक हमारे बीच में रहेंगे। उन्होंने पूरा जीवन समाज सेवा के लिए अर्पित किया। उपरोक्त बातें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रभान राय के निधन पर गौरीघाट स्थित मुक्तिधाम में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए व्यक्त किए गए।
गौरतलब है कि श्री राय का निधन रविवार देर रात्रि को हो गया था। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को गौरीघाट मुक्तिधाम धाम में हुआ। श्री राय के कटरा अधारताल स्थित आवास एवं मुक्तिधाम में दोनों जगह शासन की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रशासन की ओर से पार्थिव शरीर को तिरंगा ओढ़ाया गया, जो मुक्तिधाम में सलामी देने के पश्चात विधिवत हटाया गया। प्रशासन की ओर से तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे ने पुष्प चक्र अर्पित किया और अपनी टीम के साथ पूरे समय उपस्थित रहे। श्री चंद्रभान राय मदन राय, सदन राय और मनोज राय के पिता थे।