400 रुपए किलो पर टिका लहसुन,नई फसल आना शुरू फिलहाल आवक कम
जबलपुर। लंबे समय से लहसुन आम परिवारों की पहुंच से बाहर है। वर्तमान में इसके रेट 400 रुपए किलो चल रहे हैं जो कि बीच में 600 रुपए तक पहुंचे थे। थोक सब्जी व्यापारियों के अ नुसार नया लहसुन आने लगा है मगर इसकी आवक अभी बेहद कम है जिसके चलते अभी भी लहसुन के रेट काफी अधिक हैं।
गौरतलब है कि लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र गुजरात है जहां से देश भर में लहसुन जाता है। पिछले साल भारी मात्रा में लहसुन की आवक हुई थी जिसके कारण इसके दाम 2 रुपए किलो तक आ गए थे और इसे लगाने से किसानों ने तौबा कर ली थी। इस बार कम किसानों ने लहसुन लगाया और कमी के चलते इसके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं।
भोपाल में सबसे महंगा लहसुन
वर्तमान में भोपाल में लहसुन सबसे ज्यादा महंगा बिक रहा है जो कि 500 से 600 रुपए प्रति किलो है। वहीं ग्वालियर,इंदौर व जबलपुर में इसके दाम 400 रुपए किलो हैं। बताया जा रहा है कि अभी छिंदवाड़ा जिले से लहसुन की आवक शुरू हुई है जो कि काफी कम है और ये दामों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पा रहा है।
ठंड में होता है देशी दवा के रूप में इस्तेमाल
ठंड के मौसम में सर्दी-खांसी का देशी उपचार लहसुन है कोई कच्चा तो कोई इसे भूनकर खाता है जिससे उपरोक्त मर्ज में शर्तिया आराम मिलता है। इसके अलावा भी कई ऐसे मर्ज हैं जिनमें मरीज लहसुन का इस्तेमाल करते हैं।
रसोई से गायब हुआ
आम परिवारों की रसोई से लहसुन महीनों से गायब है। 10-20 रुपए का तो दुकानदार ही लहसुन नहीं देते। उनका कहना है कि 40 रुपए का 100 ग्राम लें। वहीं नियमित रूप से लहसुन बेचने वाले छोटे दुकानदारों ने इसके महंगे होने के चलते रखना ही बंद कर दिया है। लहसुन मसालों में विशेष स्थान रखता है और ज्यादातर परिवार इसका इस्तेमाल सब्जियों में करते हैं। पहुंच से बाहर होने के कारण लोगों ने इसका उपयोग ही बंद कर दिया है।
कम आवक के चलते लहसुन पिछले 2 महीने से महंगा ही चल रहा है। अब नई फसल आने लगी है और पखवाड़े भर में दाम कम हो जाएंगे,अभी तो केवल छिंदवाड़ा से बहुत कम आवक हो रही है। शिवराज सिंह पटैल अध्यक्ष,थोक सब्जी व्यापारी संघ