पांच माह बाद भी शुरू नहीं हो सकी जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन

पांच माह बाद भी शुरू नहीं हो सकी जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन

इंदौर। सर्दी-खांसी के साथ ही कोरोना के मरीज की संख्या भी बढ़ती जा रही है। रोजाना दो से तीन मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं, वहीं लाखों रुपए की लागत से आई जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन पांच माह बाद भी शुरू नहीं होने से कोरोना के जांच सैंपल भोपाल भेज रहे हैं। फिलहाल कोरोना के 24 मरीज उपचाररत हैं। पिछले पांच दिनों में कोरोना के 10 नए केस सामने आए हैं।

सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की लाइन लग रही है। रोजाना ओपीडी में 300 से 400 मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी केवल वे मरीज, जो अपनी स्वेच्छा से कोरोना की जांच करना चाहते हैं, उन्हीं की सैंपलिंग ली जा रही है, वहीं बढ़ती हुई मरीजों की संख्या को देखते हुए शासन की ओर से मॉनिटरिंग, टेस्टिंग बढ़ाने और कोविड क्लस्टर की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल 60 से 80 सैंपलिंग स्वास्थ्य विभाग रोजाना कर रहा है। इसमें दो से तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। वर्तमान में जिन मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है, उनकी स्थिति ठीक है... कोई भी गंभीर नहीं है। अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन होकर इलाज ले रहे हैं।

गला दर्द और खांसी -इन मरीजों में सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में संक्रमण आदि के लक्षण मिल रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। विभाग ने अपील जारी करते हुए बार-बार हाथ धोने व भीड़-भाड़ वाले स्थान पर मॉस्क लगाने को कहा है।

रिपोर्ट आने में लगते हैं पांच से छह दिन

जो मरीज सरकारी अस्पतालों में कोरोना की जांच करा रहे हैं, उनके सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं, क्योंकि एमजीएम कॉलेज में लगी जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन अब तक शुरू नहीं हो पाई है। पांच माह पहले आई मशीन अभी तक केवल स्थापित हुई है। इसके लिए डॉक्टरों की टीम को ट्रेनिंग भी दी गई है, लेकिन रिएजेंट के चलते आज तक शुरू नहीं हो पाई है, जिसके चलते सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में पांच से छह दिन का समय लग रहा है।

भोपाल भेज रहे सैंपल...

हमने एनसीडीसी को पत्र लिखकर रिएजेंट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। रिएजेंट मिलते ही हम वैरिएंट की जांच इंदौर में शुरू कर देंगे। फिलहाल भोपाल एम्स सैंपल भेज रहे हैं। - डॉ. संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर.