गोदरेज ने भी साबुन से फेयर शब्द हटाने का फैसला किया

मुंबई। दुनियाभर में रंग भेदभाव को लेकर बहस के बाद अब गोदरेज ने अपने सभी साबुन सेगमेंट से फेयर शब्द को हटाने का निर्णय लिया है। कंपनी की चेयरपर्सन और एमडी निसाबा गोदरेज ने 4 अगस्त को कहा था कि हम अपने ब्यूटी प्रोडक्ट का नाम बदलने को तैयार है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण ब्रांड है। मुझे लगता है यह हमारे कंज्यूमर के लिए सही रहेगा। हम किसी प्रकार से रंग भेदभाव को बढावा नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय सभी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स कंपनियां इस तरह के फैसले ले रही हैं। इससे पहले भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर, लॉरियल और जॉनसन एंड जॉनसन ने पहले ही यह फैसला ले लिया था।
गौरतलब है कि गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल), भारत की दूसरी सबसे बड़ी साबुन निमार्ता कंपनी है। अब कंपनी साबुन की सभी कैटेगरी से फेयर शब्द को हटा देगी। बता दें कि जीसीपीएल का ग्लोबल मार्केट में 26% का योगदान है।
भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर (ऌवछ) ने अपने चार दशक पुराने स्किन केयर ब्रांड फेयर & लवली से फेयर शब्द को हटाने का निर्णय लिया था। बाद में कंपनी ने नया नाम फेयर एंड लवली का नाम बदलकर ग्लो एंड लवली कर दिया है। 1975 में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने फेयर एंड लवली नाम की क्रीम लॉन्च की थी। देश में गोरेपन की क्रीम के बाजार का 50-70 फीसदी हिस्सा फेयर एंड लवली के पास ही है। यूनिलिवर कंपनी सिर्फ फेयर एंड लवली ब्रैंड से ही भारत में सालाना 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का कारोबार करती है।
हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल अपने स्कीन प्रोडक्ट्स से व्हाइटनिंग, फेयर और लाइटनिंग जैसे शब्द को हटा दिया। कंपनी ने इसकी जगह ग्लो शब्द का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया था। लॉरियल की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि लॉरियल ग्रुप स्कीन कलर बदलने वाले प्रोडक्ट्स को लेकर उठ रहे विरोधों को स्वीकार करता है। कंपनी अब अपने सभी प्रोडक्ट्स से फेयर, ब्राइटनिंग और व्हाइटनिंग जैसे शब्दों को हटा देगी। बता कि सबसे पहले जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी त्वचा निखारने वाली क्रीम की बिक्री बंद कर दी थी।