समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द नहीं खरीद रही सरकार कम रेट पर बेचने को मजबूर किसान

समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द नहीं खरीद रही सरकार कम रेट पर बेचने को मजबूर किसान

जबलपुर । प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद भी इस बार प्रदेशभर के जिलों में मूंग और उड़द की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं हो रही है,ना ही इस बार मूंग और उड़द की खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन कराए गए है। जिससे किसान अपनी उपज बिचौलिए और व्यापारियों को ओन-पोन रेट पर बेचने के लिए मजबूर है। किसानों का कहना है कि उन्हें प्रति क्विंटल 15 सौ से 2 हजार रुपए कम दाम में व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है। अगर समय पर पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो जाती तो यह समस्या पैदा नहीं होती। जिले में लगभग 2 लाख 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में 2 लाख 13 हजार किसान किसानी करते हैं। इनमें से 15 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में मूंग और 16 हजार हेक्टेयर भूमि में उड़द की खेती होती है। पूर्व में शासन द्वारा जहां समर्थन मूल्य में उपज खरीदी के लिए 1 से 15 जून तक पंजीयन प्रक्रिया की जाती थी,जिसे 25 जून कर दिया गया था। लेकिन इस बार शासन ने किसानों का पंजीयन नहीं किया, जिसके कारण समर्थन मूल्य में मूंग और उड़द की खरीद नहीं हो पाई।

गेहूं,धान की तरह हो खरीदी

भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख नें किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि जिस तरह गेहूं और धान की खरीदी सरकार करती है। उसी प्रकार उड़द और मूंग की खरीदी भी की जाए ताकि बिचौलियों और व्यापारियों द्वारा मनमाने दाम पर उनकी उपज खरीदी से उन्हें छुटकारा मिल सके। या फिर अगर खरीदी नहीं हो पा रही है तो उन्हे व्यापारियों द्वारा दी जाने वाली रसीद के अनुसार भावांतर की राशि प्रदान की जाए।

फैक्ट फाइल

15 हजार हेक्टेयर मूंग का रकबा

16 हजार हेक्टेयर उड़द का रकबा

2.70 लाख हेक्टेयर कुल कृषि भूमि

60 प्रतिशत कुल कटाई हुई

40 प्रतिशत कटाई बाकि न्यूनतम समर्थन मूल्य

7050 मूंग ल्ल 5700 उड़द व्यापारी खरीद रहे

5000-6000 मूंग ल्ल 4500-5000 उड़द