जम्मू कश्मीर में अब हर परिवार को यूनिक आईडी देगी सरकार

जम्मू। जम्मू कश्मीर प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश में सभी परिवारों का एक प्रामाणिक डेटाबेस बनाने की योजना बना रहा है। इसमें शामिल किए गए प्रत्येक परिवार का एक अनूठा कोड होगा और इस कदम का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक योजनाओं के पात्र लाभार्थियों के चयन को आसान बनाना है। फैमिली आईडी आवंटित करने के प्रस्तावित कदम का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है, लेकिन अन्य दलों ने निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। रियासी जिले के कटरा में ई-गवर्नेंस पर हालिया राष्ट्रीय सम्मेलन में, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस बनाने के लिए डिजिटल जम्मू कश्मीर दृष्टि पत्र जारी किया था। दृष्टि पत्र के अनुसार, प्रत्येक परिवार को एक अनूठा कोड प्रदान किया जाएगा जिसे जेके फैमिली आईडी कहा जाएगा। कोड में अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर और अंक संख्या होगी। परिवार डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी का उपयोग सामाजिक लाभों के लिए लाभार्थियों का स्वचालित चयन करने में किया जाएगा। दस्तावेज में कहा गया है कि जोखिम को विफल करने और संवेदनशील और महत्वपूर्ण जानकारी की सुरक्षा करने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सूचना सुरक्षा नीति पर काम करने की योजना बनाई है और उपयुक्त साइबर सुरक्षा ढांचे के निर्माण की भी परिकल्पना की है।
ऑल इन वन : हरियाणा के पहचान पत्र जैसा होगा डेटाबेस
जम्मू-कश्मीर की आईटी विभाग की आयुक्त सचिव प्रेरणा पुरी ने कहा कि डेटाबेस बनाने का उद्देश्य यह है कि परिवारों या व्यक्तियों को प्रत्येक योजना के तहत लाभ हासिल करने के लिए आवदेन करना होगा। डेटाबेस, हरियाणा के परिवार पहचान पत्र के जैसा होगा, जिसमें परिवारों या व्यक्तियों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता है। एक बार जेके फैमिली आईडी डेटाबेस सत्यापित हो जाने के बाद, किसी को सेवा का लाभ उठाने के लिए कोई और दस्तावेज जमा करने की जरुरत नहीं होगी।
किसकी पहचान करना चाहती है सरकार : नेकां
नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने इसे संसाधनों का अनुत्पादक उपयोग करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि सरकार इस डेटाबेस के जरिए किसकी पहचान करना चाहती है। पीडीपी नेता वीरेंद्र सिंह ने कहा, यहां बहुत समस्याएं हैं जिन्हें सरकार नजरअंदाज कर रही है। इस डेटाबेस के जरिए सरकार किसकी पहचान करने की कोशिश कर रही है?
हर चीज में झांकना क्यों चाहती है सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व विधायक रविंदर शर्मा ने सरकार की मंशा और ऐसे डिजिटल डेटाबेस को साइबर हमलों से बचाने की उसकी क्षमता पर सवाल उठाया। शर्मा ने कहा, सरकार हर चीज में झांकना क्यों चाहती है? उनके पास पहले से ही आधार के माध्यम से पर्याप्त जानकारी है और प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) माध्यम से लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है।