ठेकेदारों से 50% रेत धरोहर राशि वसूलेगी सरकार

भोपाल। खनिज संसाधन विभाग ने रेत नीति- 2023 तैयार कर ली है। इसमें रॉयल्टी की कीमतों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नीति लागू होगी। माइनिंग कॉर्पोरेशन रेत की नीलामी जून के बाद प्रदेश स्तर पर करेगा। कांग्रेस सरकार में भी जिला स्तर पर समूह बनाकर रेत खदानों की नीलामी की गई थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने तहसील स्तर पर रेत खदान समूह बनाकर नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी। अब फिर से जिला स्तर का क्लस्टर बनाकर रेत की नीलामी की जाएगी।
नीति के अनुसार, ठेकेदार से ठेका कीमत की 50 फीसदी धरोहर राशि ली जाएगी। इसमें 25 फीसदी राशि ठेकेदार बैंक गारंटी के रूप में भी जमा कर सकेंगे। अभी तक ठेकेदारों से सिर्फ 25 फीसदी धरोहर राशि ली जाती थी।
कॉर्पोरेशन लेगा वैधानिक अनुमतियां
रेत खदानों की पर्यावरण सहित सभी तरह की वैधानिक अनुमतियां माइनिंग कॉर्पोरेशन लेगा। यदि ठेकेदारों को खदान आवंटित करने से पहले अनुमतियां नहीं मिल पाती हैं तो उसे उतना समय दिया जाएगा, जितना समय खदान की अनुमति मिलने में लगेगा।
प्रति माह देनी होगी किस्त
ठेकेदार को रेत की किस्त प्रति माह देनी होगी। अभी तक ठेकेदारों से तीन माह में किस्त वसूली का प्रावधान था। ठेकेदार अगर किसी कारण से रेत खदान संचालित नहीं करता है, तो भी उसे हर माह किस्त देना पड़ेगा। ठेकेदार यदि किसी खदान को सरेंडर करता है तो धरोहर राशि वापस नहीं मिलेगी।
नर्मदापुरम की खदानें होंगी चालू
पिछले तीन वर्ष से बंद नर्मदापुरम की खदानें फिर चालू होंगी। खनिज साधन विभाग नर्मदा नदी किनारे स्थिति इन खदानों को नीलाम कर रहा है। अगले हफ्ते तक टेंडर जारी हो जाएंगे। खदानें जिला रेत समूह बनाकर ठेकेदारों को दी जाएंगी। वर्तमान में ये खदानें सिर्फ मई और जून के लिए नीलाम की जाएंगी। सितंबर में जब पूरे प्रदेश की खदानें नीलाम होंगी, तो उनके साथ ही इस जिला रेत खदान समूह को भी नीलाम किया जाएगा।