आज मनेगा गुड़ी पड़वा पर्व, उगते सूर्य देवता को देंगे सामूहिक अर्घ्य

इंदौर। राजवाड़ा पर हिंदू नववर्ष का आगमन गुड़ी पड़वा के तौर पर मनेगा। सामूहिक रूप से उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। मंगल बेला पर रंगोली एवं पारंपरिक गुड़ी भी सजाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि में इस साल मातारानी का आगमन नौका पर हो रहा है। जब भी बुधवार से नवरात्रि की शुरुआत होती है तो मां नौका पर सवार होकर आती हैं।
सनातनी परंपरा अनुसार हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा का आयोजन राजवाड़ा पर होगा। लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान विक्रम संवत 2080 बुधवार को प्रात: 5.30 बजे से मंगल वाद्य वादन संतूर एवं लोकगीत के माध्यम से प्रभु रामचंद्रजी की स्तुति होगी। मंगल बेला पर रंगोली एवं पारंपरिक गुड़ी भी सजाई जाएगी।
सामूहिक अर्घ्य देंगे-राजवाड़ा पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उगते सूरज को अर्घ्य देकर निमोली प्रसाद का वितरण होगा। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, नगराध्यक्ष भाजपा गौरव रणदिवे, विधायकगण, पार्षद एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।
होगा दुर्गा सप्तशती पाठ
बिजासन मंदिर के पुरोहित पं. रतन गोस्वामी के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में घटस्थापना होगी। जवारे बोए जाएंगे। इसके बाद आरती होगी। यहां 9 दिन तक दुर्गा सप्तशती पाठ होगा। यज्ञ की पूर्णाहुति में भक्तजन भी शामिल हो सकेंगे। बुधवार को माता का शृंगार शैलपुत्री के रूप में होगा। यहां माता के रूप के अनुसार हर दिन अलग शृंगार होगा।
बिछाया रेड कारपेट
भक्तजनों के लिए बकायदा रेड कारपेट बिछाया गया है। बैरिकेड्स लगाए हैं। उत्तर भारतीय परिवारों में चैत्र नवरात्र खास उत्साह से मनाते हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में मातारानी की प्रतिमा को अंतिम रूप दिया गया।
अष्टमी पर खास खोंछा
मैथिलभाषी परिवार इस दौरान नमक से परहेज रखते हैं। समाज के वरिष्ठ केके झा के अनुसार नवरात्रि के दौरान व्रती नून (नमक) का सेवन नहीं करते हैं। अष्टमी पर तुलसीनगर स्थित सरस्वती मंदिर पर मातारानी को खास खोंछा (आंचल या फिर किसी नए वस्त्र में सुहाग की सामग्री) अर्पित किया जाएगा। नवरात्र में कन्यापूजन घर-घर में किया जाता है।
घट स्थापना के मुहूर्त
नवरात्रि घट स्थापना का मुहूर्त प्रात: 6.29 से 9.25 तक है। इस दौरान लाभ व अमृत का शुभ योग है। इसके अलावा सुबह 10.57 से 12.28 शुभ चौघड़िया व दोपहर 3.30 से 6.33 तक चल व लाभ का योग बन रहा है। नवरात्रि के 9 दिन धार्मिक आयोजन होंगे। मंदिरों में खास सजावट होगी। इस बार भी मंदिरों के बाहर नगाड़ा होगा। मान्यता है कि माता के दरबार में शीश नवाने के पूर्व नगाड़ा बजवाकर प्रवेश किया जाता है।