अमेरिका में गन कल्चर ने 3 साल में ली 12 हजार से ज्यादा मासूमों की जान
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने बच्चों की मौत के जारी किए आंकड़े

वाशिंगटन। अमेरिका में गोलीबारी में मारे गए बच्चों की संख्या को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) द्वारा प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में बंदूक से हुई हिंसा में बच्चों की मौत का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। एएपी ने यह स्टडी डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर के डेथ लिस्ट का इस्तेमाल करते हुए तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार 2021 में बंदूक से हुई हिंसा में 4,752 बच्चों की मृत्यु हुई थी। साल 2020 में 4,368 और 2019 में 3,390 की जान गई थी। इस तरह इन 3 सालों में गन कल्चर के चलते 12510 बच्चों ने अपनी जान गंवाई। इधर एएपी की रिपोर्ट जारी होने के बाद अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सख्त कानून की मांग की है। नैशविले स्कूल में हुई गोलीबारी में तीन की हुई थी मौत: यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब जब इस साल की शुरुआत में नैशविले स्कूल में गोलीबारी में तीन बच्चों और तीन शिक्षकों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक घटना के बाद टेनेसी के सांसदों ने सार्वजनिक सुरक्षा पर एक स्पेशल सेशन की शुरुआत की थी।
देशभर के हॉस्पिटल्स में भर्ती हैं गोलीबारी से घायल बच्चे
साउथ कैरोलिना की चाइल्ड डिजीज स्पेशलिस्ट और गन प्रिवेंशन रिसर्चर एनी एंड्रयूज बंदूकों से हुई बच्चों की मौत वाली स्टडी में शामिल थी। उन्होंने कहा कि जब वह डॉक्टर बनीं तब ये कभी नहीं सोचा था कि मैं गोलियों की वजह से घायल हुए बच्चों का बड़ी संख्या में इलाज करूंगी। हालांकि, सच्चाई ये है कि देश भर के हर चाइल्ड हॉस्पिटल के चाइल्ड मेडिकल यूनिट में गोलीबारी से घायल हुए बच्चे ज्यादा हैं।
विनाशकारी हिंसा में श्वेत बच्चों की ज्यादा मौत
इधर एपीपी के अध्ययन में यह भी पता चला है कि अश्वेत बच्चे बंदूक से हुई हिंसा में करीब 67 प्रतिशत लोग मारे गए थे, जबकि श्वेत बच्चों में ये आंकड़ा 78 फीसदी के करीब है। बंदूक हिंसा विरोधी वकील इमान ओमर ने कहा कि अध्ययन के निष्कर्ष विनाशकारी और आश्चर्यजनक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि हर साल टेनेसी में 128 बच्चे और किशोर बंदूक से हुई हिंसा में मारे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि यह 'गन कल्चर' पिछले 50 सालों में 15 लाख लोगों की मौत का जिम्मेदार है। अमेरिकन एबीसीन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस देश में लोग 33 करोड़, लेकिन बंदूकें लगभग 40 करोड़ हैं।
यहां बंदूक खरीदना बीयर-सिगरेट लेने जितना आसान
अमेरिका ऐसा देश है, जहां बंदूक रखना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। इस देश में सैकड़ों ऐसे स्टोर, शॉपिंग आउटलेट और छोटी-छोटी दुकानें हैं, जहां बंदूकें बेची जाती हैं। पूरे अमेरिका में हर वीकेंड पर बंदूकों की प्रदर्शनी लगती है। वहां बंदूकें वॉलमॉर्ट जैसी बड़ी कंपनियों के स्टोर से लेकर छोटी दुकानों पर बिकती हैं, लेकिन यही कल्चर अब वहां लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। कोई सिरफरा कहीं भी फायरिंग शुरू कर देता है और कई जिंदगियां खत्म हो जाती हैं।
बंदूक खरीदने ये हैं नियम
अमेरिका का गन कंट्रोल एक्ट (जीसीए) के अनुसार देश में राइफल या कोई भी छोटा हथियार खरीदने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अन्य हथियारों को खरीदने की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए। यहां बंदूक खरीदते समय लोगों को एक फॉर्म में अपना नाम, पता, जन्मतिथि और नागरिकता की जानकारी देनी होती है। वहीं, बंदूक बेचने वाली शॉप या संस्था उस खरीदार की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, यानी एफबीआई से साझा करती हैं, जो बंदूक खरीदार के बैकग्राउंड की जांच करती है।