कड़ी मेहनत से 32% कम हो जाता है कैंसर का जोखिम
नई दिल्ली। रोजमर्रा की जिंदगी में अगर आप केवल चार पांच मिनट इतनी कड़ी मेहनत वाला काम कर लें जिससे आपको पसीना आ जाए और आप हांफने लगें तो इस मेहनत से आपको कैंसर होने का खतरा 32 प्रतिशत तक कम हो जाता है । जामा ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में ऐसे 22000 लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनके शरीर पर विशेष उपकरण लगाए गए और जरूरी आंकड़े जुटाए गए जो कड़ी कसरत नहीं करते हैं। आस्ट्रेलिया के रिसर्चर्स ने कैंसर पर नजर रखने के लिए सात सालों तक इस समूह के स्वास्थ्य रिकार्ड का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि बीच-बीच में चार या पांच मिनट की कड़ी शारीरिक मेहनत वाली जीवनशैली वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में कैंसर का कम खतरा होता है जो कड़ी मेहनत नहीं करते हैं। पसीना बहा देने वाली चंद मिनट की गतिविधियों में कड़ी मेहनत वाला घरेलू कामकाज, किराने की दुकान से भारी सामान की खरीदारी, बहुत तेज कदमों से चलना, बच्चों के साथ थकाने वाला खेल खेलना आदि शामिल हैं। जो इस तरह की मेहनत नहीं करते हैं उनमें छाती, कोलोन जैसे अंगों का कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।
जो लोग कसरत नहीं करते, उन्हें खतरा ज्यादा
अध्ययन के लेखक प्रोफेसर इमैन्युअल स्टामैटाकिस ने कहा, अधेड़ उम्र के लोग नियमित कसरत नहीं करते हैं जिससे उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है लेकिन गतिविधि ट्रैकर जैसे पहनने वाले उपकरणों के आने के बाद हम रोजमर्रा की जिंदगी में अचानक की जाने वाली मेहनत संबंधी गतिविधियों का प्रभाव देख पाए। यह देखना बहुत ही शानदार है कि रोजमर्रा महज चार या पांच मिनट की कड़ी मेहनत और कैंसर का जोखिम कम होने के बीच संबंध है।