हिंदी मीडियम और सरकारी स्कूल के बच्चों को मेडिकल में मिलेगा आरक्षण

हिंदी मीडियम और सरकारी स्कूल के बच्चों को मेडिकल में मिलेगा आरक्षण

भोपाल। एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने के बाद मध्यप्रदेश अब शासकीय स्कूलों और हिंदी पढ़ने वाले बच्चों की मेडिकल कॉलेजों में सीटें भी रिजर्व कराएगा। सरकार इसकी योजना बना रही है। किसानों के खाते में सरकार अब तक 2 लाख 25 हजार करोड़ डाल चुकी है। ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई भी प्राथमिकता से होगी। ‘लाड़ली बहना’ की राशि से महिलाएं और सशक्त बनेंगी। बैगा, भारिया और सहरिया ट्राइब में यह इम्पेक्ट सामने आ चुका है। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी। अपने चौथे कार्यकाल की तीसरी वर्षगांठ से पहले मुख्यमंत्री प्रदेश के चुनिंदा पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर, किसान, महिला, युवा, रोजगार और अर्थव्यवस्था से जुड़े अनेक मुद्दों पर पिछले तीन साल की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री चौथी पारी में शुरुआती दो साल कोविड महामारी के चलते चुनौतीपूर्ण रहे। लेकिन, हम सभी ने एक टीम की तरह दिन-रात काम किया। प्रवासियों की मदद से लेकर सभी व्यवस्थाएं जुटाई। पैसों की कमी नहीं आने दी। पेश है उनसे चर्चा के अंश...

सवाल- बतौर मुख्यमंत्री चौथे कार्यकाल को किस रूप में देखते हैं?

जवाब- पहली बार भी अचानक ही मुख्यमंत्री बना था। पूर्व अनुभव नहीं था, लेकिन कोई चुनौती रोक नहीं पाई। काम करता गया और रास्ता बनता गया। हां, कोविड के दौरान मन जरूर परेशान हुआ। ऐसा लगा हे भगवान क्या करें, लेकिन हमारी टीम ने दिन-रात एक कर दिया। हमने पैसों की कमी नहीं आने दी।

सवाल- ओलावृष्टि, राहत और किसानों की स्थिति पर क्या कहेंगे?

जवाब- पूरी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। तत्परता से नुकसान का सर्वे और राहत देने में मप्र अव्वल है। सीएम बनते ही मैंने सबसे पहले किसानों की बीमा प्रीमियम 2,200 करोड़ रुपए जमा कराई थी। दो साल के दौरान 17 हजार करोड़ रुपए दिए। अब तक कुल 2.25 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाल चुके हैं। मप्र अकेला राज्य है, जिसने प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 32 हजार रुपए का लाभ किसानों को दिया।

सवाल- प्रदेश में मेडिकल एजुकेशन और हिंदी में मेडिकल पढ़ाई का क्या फीडबैक है?

जवाब- हिंदी में मेडिकल पढ़ाई शुरू कराने के बाद अब हम एमबीबीएस में सरकारी स्कूल और हिंदी में पढ़ने वाले बच्चों की सीटें भी रिजर्व करने जा रहे हैं। यह भ्रांति दूर करेंगे कि अंग्रेजी के बिना मेडिकल की पढ़ाई नहीं हो सकती। मप्र में आज 25 मेडिकल कॉलेज हैं। 1965 से 2006 तक मात्र 5 कॉलेज ही थे।

सवाल- लाड़ली बहना योजना से ज्यादा राशि और सस्ती रसोई गैस को लेकर कांग्रेस ने भी ऐलान किया है?

जवाब- कमलनाथ तो झूठ नाथ हैं, उन्हें हकीकत से कोई लेना-देना नहीं। वोट के लिए ऐसा कह रहे हैं। हम तो करके भी दिखा रहे हैं। जून से बहनों के खाते में पैसे डलने लगेंगे।

सवाल- लाड़ली बहना को लेकर सरकार की सोच क्या है?

जवाब- महाभारत में तीरों की शैय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने द्रौपदी के सवाल पर कहा था कि ‘पुरुष अर्थ का दास होता है।’ जिसकी खाता है, उसकी बजाता है। मैं इसे इस तरह से कहता हूं कि बहनों के खाते में पैसा रहेगा तो घर में उनका आत्मविश्वास और मान-सम्मान भी बढ़ेगा।

सवाल- विधानसभा चुनाव करीब आ गए, कैबिनेट फेरबदल-विस्तार कहां अटक गया?

जवाब- अरे, अभी तो काम कर रहे हैं... फिर जोरदार ठहाका...।