अगर भाई की कलाई तक राखी ना पहुंचे तो शास्त्रों ने यह बताया है तरीका

अगर भाई की कलाई तक राखी ना पहुंचे तो शास्त्रों ने यह बताया है तरीका

उज्जैन। इस साल का रक्षाबंधन शायद पहला रक्षाबंधन होगा जब कई भाइयों की कलाई पर बहन की राखी नहीं होगी। इसका कारण साफ है। वैसे रक्षाबंधन के अवसर पर यदि भाई की कलाई तक बहन की राखी ना पहुंचे तो शास्त्रों से मार्गदर्शन लें...

...तो मानसिक रक्षाबंधन मनाएं 
हिंदू धर्म शास्त्रों में मानसिक पूजा ऐसी विषम परिस्थितियों के लिए शास्त्र सम्मत मानी गई है। बहन और भाई दोनों अपने अपने घरों में पूजा स्थल के समक्ष आसन लगाकर बैठ जाएं। बहन भगवान श्री कृष्ण के बालस्वरूप का रक्षाबंधन करें और उनके समक्ष एक अतिरिक्त रेशम के धागे की राखी समर्पित कर दें। भाई अपने घर में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप के समक्ष रखे हुए रेशम के धागे को घर में उपलब्ध किसी भी कन्या से अपनी कलाई पर बंधवा ले। इस प्रकार मानसिक रक्षाबंधन मनाया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार जिस का संकल्प और फल प्रत्यक्ष त्यौहार के समान होता है।