ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 4 स्थान और नीचे, 125 देशों में 111वें नंबर पर

कंसर्न वर्ल्ड वाइड की लिस्ट में नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी हम से आगे

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 4 स्थान और नीचे, 125 देशों में 111वें नंबर पर

नई दिल्ली। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की साल 2023 की जारी सूची में भारत को 125 देशों में 111 वां स्थान मिला है। वर्ष 2022 में भारत 107वें स्थान पर था। इस इंडेक्स से साफ हो रहा है कि भारत में भूख की समस्या काफी गंभीर है। यह इंडेक्स यूरोपीय एनजीओ कंसर्न वर्ल्ड वाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्थ ने गुरुवार को जारी किया है। पड़ोसी देश नेपाल, पाक और बांग्लादेश भी भारत से आगे हैं, जबकि नीचे स्थान पाने वाले देशों में अफगानिस्तान, हैती और सहारा के 12 देश शामिल हैं। भारत का स्कोर 28.7 है, जो 100 पॉइंट के स्केल पर लिया गया है। इंडेक्स में चार इंडिकेटर्स कम पोषण, बच्चे का नाटा होना, बहुत ज्यादा दुबला होना और शिशु मृत्यु दर अधिक होना शामिल हैं।

सरकार ने कहा- आंकड़े गलत, इसमें हैं खामियां

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इंडेक्स को खारिज करते हुए इसे भुखमरी का गलत पैमाना बताया है। यह भारत की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें खामियां हैं। सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले 4 संकेतकों में से 3 संकेतक बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं, अत: ये निश्चित रूप से पूरी आबादी के स्वास्थ्य को नहीं बता सकते हैं।

कुछ सालों से अटका हुआ है सुधार

भारत ने हंगर इंडेक्स में साल 2000 से लेकर 2015 तक काफी उन्नति की, लेकिन साल 2015 से स्थिति स्थिर बनी हुई है। साल 2000 में भारत के अंक इस इंडेक्स पर 38.4 थे, जो 2008 में 35.5 पर पहुंच गए। इसके बाद साल 2015 में इंडेक्स का स्कोर 29.2 पर पहुंच गया। इसके बाद पिछले 8 साल में इसमें सिर्फ 0.5 अंकों का सुधार आया है। यदि भारत की रैंकिंग की दुनिया से तुलना करें तो 2023 में वैश्विक इंडेक्स 18.3 है जो सामान्य की श्रेणी में आता है। हालांकि 2015 के इंडेक्स के स्कोर में यह सामान्य श्रेणी के स्कोर से सिर्फ 1 पॉइंट नीचे था। इंडेक्स से यह भी सामने आया है कि दुनिया भर में कुपोषित लोगों का प्रतिशत, जो साल 2017 में 7.5% था 2022 में बढ़कर 9.2% हो गया। इससे इसमें 73.5 करोड़ लोगों इजाफा हुआ है।

भूख के खिलाफ लड़ाई में पीछे

023 की रिपोर्ट के अनुसार, भूख के खिलाफ लड़ाई में पिछड़ने के कारणों में से प्रमुख हैं, कोरोना, रूस-यूक्रेन वॉर, आर्थिक विकास का रुकना और क्लाइमेट चेंज। इसके साथ ही कई देशों में अनेक विवाद भी इसका कारण हैं। इन सब का मिलाजुला असर यह है कि कॉस्ट आॅफ लिविंग बढ़ गई है और लोगों की क्रय क्षमता घटी है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के चारों इंडिकेटर गरीबी, खाद्य असुरक्षा आदि के परिणाम हैं। जो 125 देश इसमें शामिल हैं उनमें इन्हीं इंडिकेटर्स का इस्तेमाल कर सूचकांक निकालने का काम किया जाता है। मल्टी डायमेंशन पॉवर्टी के पूरे संदर्भों को देखें तो हमारे देश के सामने चैलेंजेस बरकरार हैं। हमारे देश का पीडीएस भी पूर्ण खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करता है। -सचिन जैन, संस्थापक विकास संवाद

  सूची में सबसे ऊपर
      देश                                 रैंक

???? बेलारूस                          01
???? बोस्निया हर्जेगोवीना       02
???? चीली                                03
???? चीन                                 04
???? क्रोशिया                         05
???? एस्टोनिया                      06
???? जॉर्जिया                         07
???? हंगरी                             08
???? कुवैत                            09
???? लातविया                      10

  सूची में सबसे नीचे
        देश                                                     रैंक
???? सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक                  125
???? मेडागास्कर                                           124
???? यमन                                                       123
???? कॉन्ग                                                      122
???? लेसोथो                                                   121
???? नाइजर                                                  120
???? चाड                                                       119
???? गिनी बिसाऊ                                       118
???? लाइबेरिया                                           117
???? सियारा लियोन                                   116