चीन के धोखे से परेशान भारत एक और डिविजन करेगा तैनात

चीन के धोखे से परेशान भारत एक और डिविजन करेगा तैनात

जम्मू। लद्दाख में चीन धोखे वाली रणनीति अपनाते हुए जो चाल चल रहा है वह खतरनाक कही जा सकती है। इससे भारतीय सेना अनभिज्ञ नहीं है। यही कारण है कि उसने अब पैंगांग झील के सभी फिंगरों के अतिरिक्त आठ अन्य विवािदत क्षेत्रों से भी चीनी सेना की वापसी के लिए दबाव बनाना आरंभ किया है। अधिकारी कहते हैं कि अगर चीन की रणनीति को समझें तो वह सिर्फ पैंगांग झील के मामले को उछालते हुए भारतीय सेना का ध्यान बंटाते हुए अन्य इलाकों में बढ़त हासिल करने में जुटा है जिसका परिणाम यह है कि अन्य विवािदत क्षेत्रों में भारतीय सेना को अपनी पोजिशन मजबूत करने के लिए एक अतिरिक्त डिवीजन सेना की जरूरत महसूस हो रही है। रक्षाधिकारी मानते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना लद्दाख के कई इलाकों में आमने-सामने है लेकिन सबसे ज्यादा तनाव पैंगांग झील इलाके में है। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हो सकता है कि चीन भारतीय सेना को पैंगांग झील में उलझा कर रखना चाहता है और उसकी असल नजर लद्दाख के देपसांग इलाके पर है। देपसांग में भी दोनों सेनाओं के बीच स्टैंड आफ है लेकिन देपसांग में मई से भी पहले से चीन की सेना भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग से रोक रही है। देपसांग के नजदीक ही भारतीय वायुसेना के रणनीतिक रूप से अहम दौलत बेग ओल्डी एयरबेस है।

चीन ने 3 साल में एयर डिफेंस हेलीपोर्ट की संख्या की दोगुनी

नई दिल्ली। एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले तीन सालों में चीन भारतीय सीमा के पास एयरबेस, एयर डिफेंस पोजिशन और हेलीपोर्ट्स की संख्या में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी कर रहा है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि 2017 में भारत और चीन के बीच डोकलाम में हुए गतिरोध के बाद चीन ने अपने रणनीति में बदलाव किया है। इससे, चीन को आगे चलकर अपने आॅपरेशंस को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। चीन की सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार से जुड़ी यह जानकारी स्ट्रैटफॉर की रिपोर्ट से मिली है। इस रिपोर्ट में चीन के सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को सैन्य सुविधाओं की सैटेलाइट इमेज के विस्तृत विश्लेषण के जरिए रेखांकित किया गया है।

अग्रिम मोर्चे पर और सैनिक नहीं भेजने पर बनी सहमति

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए भारत और चीन की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय किया है। सैन्य कमांडरों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने मंगलवार देर शाम एक संयुक्त बयान में कहा कि एलएसी पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने विचारों का अदान- प्रदान किया और अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को 14 घंटे तक बैठक चली थी। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत हुए हैं।