स्वच्छता में इंदौर का सिक्सर... लगातार छठवीं बार नंबर वन, भोपाल छठवें पायदान पर, राज्यों में मप्र अव्वल

स्वच्छता में इंदौर का सिक्सर... लगातार छठवीं बार नंबर वन, भोपाल छठवें पायदान पर, राज्यों में मप्र अव्वल

नई दिल्ली/भोपाल/इंदौर । केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार छठवीं बार देशभर में अव्वल आया है। सूरत दूसरे और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। राजधानी भोपाल की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले एक अंक सुधरी है। यह पिछले साल सातवें नंबर पर था, जो इस पर छठवें नंबर पर पहुंच गया है। हालांकि गार्बेज फ्री सिटी में भोपाल को इस बार भी सेवन स्टार के बजाय फाइव स्टार रेटिंग से संतोष करना पड़ा। स्वच्छ सर्वेक्षण में सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में मप्र पहले नंबर पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का नंबर है। वर्ष 2022 के इस सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में कुल 4,355 शहरों के बीच मुकाबला था। देश के टॉप 10 स्वच्छ शहर : इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, भोपाल, तिरुपति, मैसूर, नई दिल्ली, अंबिकापुर।

कचरे की कमाई ने इंदौर को बनाया अव्वल

सूखे कचरे के सेग्रिगेशन प्लांट से सालाना1.53 करोड़ रुपए, गीले कचरे से बायो सीएनजी के प्लांट से प्रतिवर्ष 2.53 करोड़ रुपए की कमाई हो रही है। डोर टू डोर कलेक्शन : 1,500 वाहनों के नेटवर्क के जरिये कचरा सीधे घरों से निकलकर कचरा ट्रांसफर स्टेशनों तक पहुंचता है।

वेस्ट सेग्रिगेशन: घरों से ही गाड़ियों तक पहुंचने वाला कचरा अलग- अलग हो जाता है। सेनेटरी वेस्ट, घरेलू हानिकारक कचरा और ई कचरे को अलग-अलग बॉक्स में डाला जाता है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट : तीन साल में 7 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बने। 125 गार्डन्स में ट्रीटेड पानी पाइप के जरिये पहुंचाया जाता है।

बधाइयां! शुभकामनाएं! अभिनंदन! गर्व है मुझे स्वच्छता के शिखर पर सुशोभित इंदौर पर, गर्व है मुझे इंदौर की जनता पर। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर जनता, जनप्रतिनिधियों एवं टीम एमपी के सदस्यों को हार्दिक बधाई। - शिवराज सिंह चौहान

भानपुर खंती की वजह से सुधरी भोपाल की रैंक

राजधानी भोपाल की एक रैंकिंग सुधरने की मुख्य वजह भानपुर खंती है। यहां से 8 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कचरे को हटाकर ग्रीन फील्ड डेवलप किया गया। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, कचरा सेग्रीगेशन में भी अच्छा काम हुआ। चौक-चौराहों, फुटपाथों, साइड वर्ज और सेंट्रल वर्ज के रंग-रोगन और पार्कों के बेहतर विकास का भी उसे फायदा मिला। सीवेज मैनेजमेंट में शहर पिछड़ गया।