औद्योगिक क्षेत्र रिछाई व अधारताल में जलप्लावन तय जिम्मेदार बेखबर

औद्योगिक क्षेत्र रिछाई व अधारताल में जलप्लावन तय जिम्मेदार बेखबर

जबलपुर । औद्योगिक क्षेत्र रिछाई व अधारताल में 400 इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें हर साल की तरह इस बार भी जलप्लावन होना तय है। इसका कारण वर्षा पूर्व तैयारियों के नाम पर बरती गई औपचारिकता है। न तो नाले-नाली सही तरीके से साफ हुए हैं और न ही जलप्लावन की जगहों को चिन्हित कर यहां पानी निकासी के समुचित इंतजाम ही नगर निगम की तरफ से किए गए हैं। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन में चिंता देखी जा रही है। अभी तक तो तेज बारिश हुई नहीं है,लेकिन यह जल्द चालू होगी और जल प्लावन का कारण बनेगी। लॉक डाउन के बाद बामुश्किल शुरू हुई औद्योगिक इकाइयों को पहले ही कई तरह की मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं जिसमें लेबर प्राब्लम,कच्चे माल का आना इत्यादि समस्याएं मुख्य हैं। अब जैसे तैसे चल रहे काम के बीच यदि पानी का भराव और समस्या बनता है तो उत्पादन पर खतरा पैदा हो सकता है।

अधूरा काम छोड़कर भागा ठेकेदार

यहां के उद्योगपतियों का कहना है कि उद्योग विभाग ने इकाइयों को लॉक डाउन के बाद चालू तो करवा दिया मगर यहां पर व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी तैयारियां नहीं की गर्इं। यहां तक कि काम अधूरे हैं चा हे रेल ओवर ब्रिज का हो या यहां बनने वाली नालियों का इनके अधूरे रहने से पानी जहां तक नाली बनी हैं वहां तक आकर बैक मारेगा और पिछले सालो की तुलना में इस बार और अधिक तबाही मचाएगा। जहां तक साफ-सफाई की बात है तो वह इस बार कोरोना के डर के चलते हुई ही नहीं है। पूरे क्षेत्र में झाड़-झंकाड़ और जलप्लावन होने वाले इलाकों में पानी की निकासी रुकी हुई है।

रक्षा उत्पादन हो सकता है प्रभावित

रिछाई व अधारताल की कई इकाइयों में आयुध फैक्ट्रियों के अनुबंध पर कई सहायक उत्पाद तैयार होते हैं। जलप्लावन की स्थिति में श्रमिकों के न आने से स्थितियां प्रभावित हो सकती हैं जिसका असर उत्पादन पर होना निश्चित है। जैसी परिस्थितियां इन दिनों चल रही हैं उन्हें देखते हुए ऐसी इकाइयों के आसपास का माहौल सुविधाजनक होना चाहिए। जिससे औद्योगिक क्षेत्र की ईकाईयों का संचालन करने वाले उद्योगपतियों को सुविधा हो जिम्मेदारों के द्वारा इसका पालन नहीं किया गया है।

उपेक्षित है क्षेत्र

चाहे सड़क निर्माण का मामला हो या ओवर ब्रिज का मामला हो रिछाई क्षेत्र में विकास कार्यों का अभाव बड़ी समस्या बना हुआ है। जिम्मेदारों के द्वारा यहां पर ध्यान नहीं दिया जाता। ले-देकर जब कभी भी रिछाई या अधारताल औद्योगिक क्षेत्र की चर्चा सुनाई देती भी हैतो इनसे बकाया टैक्स वसूली को लेकर ही होती है। विकास के नाम पर यहां पर बरसों से केवल प्रतीक्षा ही देखी जा रही।

फैक्ट फाइल

275 इकाइयां संचालित हैं रिछाई में

125 इकाइयां संचालित हैं अधारताल में

25 क्षेत्र ऐसे जहां जलप्लावन होना तय

5 हजार श्रमिक,कर्मचारियों की आवाजाही