रूढ़िवादी सोच से पर्दा उठाएगी इंस्पायरिंग फिल्म जाह्नवी कपूर की ‘गुंजन सक्सेना’

रूढ़िवादी सोच से पर्दा उठाएगी इंस्पायरिंग फिल्म जाह्नवी कपूर की ‘गुंजन सक्सेना’

बायोपिक्स आजकल चलन में है और 'शकुंतला देवी ' के बाद बारी है फिल्म 'गुंजन सक्सेना -द करगिल गर्ल ' की .. जो कहानी है भारत की पहली एयरफोर्स पायलट गुंजन की।  जिन्होंने भारत पाकिस्तान के 1999 युद्ध में बहुतों की जान बचाई थी।  फिल्म की खास बात है कि बाकी युद्ध पर आधारित फिल्मों की तरह देश भक्ति का नारा नहीं लगाया गया है और ना ही गुंजन के प्रेम प्रसंग दिखाए गए हैं।  अब तक शादी ब्याह , रोमांस, युवाओं और विदेश में बसे भारतीयों पर फिल्में बनाने वाले करण जौहर इस फिल्म के प्रोड्यूसर है। फिल्म को नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकेगा।

कहानी: गुंजन सक्सेना:

द कारगिल गर्ल हमारी वायुसेना की पहली ऐसी महिला पायलट की कहानी है, जिसने युद्ध में भी हिस्सा लिया। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों को हथियार और रसद पहुंचाई, घायल सैनिकों को युद्धभूमि से लेकर खेमों में पहुंचाया, बफीर्ले ऊंचे पहाड़ों पर पाकिस्तानी आतंकियों-सैनिकों के ठिकाने ढूंढे और अपनी सेना को खबर दी। यह फिल्म गुंजू (जाह्नवी कपूर) की कहानी कम कहती है और समाज के सामंती सोच वाले मर्दों की मानसिकता का पदार्फाश करने में ज्यादा दिलचस्पी लेती है। चाहे यह सोच गुंजन के भाई (अंगद बेदी) के रूप में हो या वायुसेना के कर्मचारियों-अफसरों के रूप में। एक अफसर (विनीत कुमार) गुंजन से साफ कहता है कि हमारी जिम्मेदारी है इस देश की रक्षा करना, तुम्हें बराबरी का मौका देना नहीं। 2020 में यह 1990 के दशक की बातें हैं।

स्टार कास्ट और एक्टिंग:

गुंजन सक्सेना के किरदार के लिए जाह्नवी कपूर कड़ा परिश्रम करती नजर आती हैं। पंकज त्रिपाठी के साथ उनके पिता-पुत्री वाले दृश्य खूबसूरत बने हैं। जबकि फिल्म की शुरूआत में जाह्नवी की एंट्री का दृश्य एक अच्छे मोड़ पर आता है। शरण शर्मा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है ।