स्टूडेंट्स को चिंता- इंटरनल असेसमेंट से कॉलेज में एडमिशन में होगी दिक्कत

सीबीएसई ने कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से 12वीं के बचे हुए पेपर रद्द करने का फैसला किया है। 12वीं में 29 सब्जेक्ट्स के पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच होने थे। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में बोर्ड की तरफ से सरकार ने बताया कि अब 12वीं के स्टूडेंट्स का असेसमेंट उनके पिछले इंटरनल एग्जाम के आधार पर होगा। वे बचे हुए पेपर बाद में भी दे सकते हैं। हालांकि, इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट से सिटी के स्टूडेंट्स थोड़ा परेशन हैं। उन्हें डर है कि पता नहीं कैसा रिजल्ट आएगा। ऐसे में उन्हें बड़े कॉलेजों में दाखिले में दिक्कत आ सकती है। उधर प्रिंसिपल्स का कहना है कि यह सही डिसीजन है। इससे स्टूडेंट्स का जीवन सुरक्षित रहेगा, क्योंकि छात्रों के पास पेपर देने का विकल्प रहेगा।
परीक्षाएं रद्द करने के पीछे तीन वजह
* 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों के पेरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। इसमें यह दलील दी गई कि सीबीएसई विदेशों में मौजूद 250 स्कूलों की परीक्षाएं रद्द कराने का फैसला पहले ही ले चुका है तो देश में भी बचे हुए पेपर रद्द होने चाहिए।
* दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में परीक्षाएं कराने के लिए स्कूलों में अभी जगह नहीं है। कई स्कूलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जा चुका है।
*सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा सरकार ने पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा था कि परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए।