स्वीडन में हिंदी पढ़ाना गर्व की बात, वहां लोग मुझे मिस्टर इंडिया कहते हैं : वेस्लर
रवींद्र भवन में राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान एवं अलंकरण समारोह व कवि सम्मेलन

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को रवींद्र भवन में राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान एवं अलंकरण समारोह व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर हिंदी को देश-विदेश में बढ़ावा देने वाले साहित्यकार, लेखक और समाजसेवी आदि को सम्मानित किया गया। लंदन से आईं शिखा वार्ष्णेय ने कहा कि लंदन में लोग समाजसेवा के रूप में हिंदी सिखाते हैं। इसी प्रकार स्वीडन से आए हाइंस वर्नर वेस्लर ने कहा कि हिंदी सिखाना मेरे लिए गर्व की बात है, लोग मुझे वहां मिस्टर इंडिया कहते हैं। कार्यक्रम के अगले चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसे यादगार बनाने के लिए मुंबई के शैलेष लोढ़ा, बड़ोदरा की श्वेता सिंह, इटावा के कमलेश शर्मा, जयपुर संजय झाला, मैनपुरी के बलराम श्रीवास्तव, शाजापुर के गोविंद राठी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। यह कार्यक्रम संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कवियों की रचनाओं को सुनने के लिए श्रोतागण उपस्थित थे।
लंदन में हिंदी पढ़ाना समाजसेवा का कार्य
मेरा जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन मैं फिलहाल लंदन में हिंदी पत्रकारिता में काम कर रही हूं। मुझे रूसी और अंग्रेजी भाषा भी आती है। भारत में हिंदी की उतनी क्रद नहीं है, जितना लंदन में हिंदी को महत्व दिया जाता है। वहां लोग हिंदी को पढ़ाना समाज सेवा के कार्य के रूप में लेते हैं। वहां स्थानीय लोगों को निशुल्क हिंदी सिखाई जाती है। - शिखा वार्ष्णेय, निवासी, लंदन
हिंदी से स्वीडन में मेरी अलग पहचान
मैं स्वीडन में इंडोलॉजी का प्रोफेसर हूं। इंडोलॉजी के अंदर हम हिंदी, संस्कृत, धर्म का इतिहास और साहित्य समेत कई चीजें पढ़ाते हैं। मुझे लोग वहां मिस्टर इंडिया कहते हैं। स्वीडन में हिंदी पढ़ाने से मेरी अगल पहचान बनी है। इस बात का मुझे गर्व है, हम ज्यादातार छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं। हाइंस वर्नर वेस्लर, निवासी, स्वीडन
अन्य भाषाओं के शब्दों की कर रहा हूं पहचान
हिंदी भाषा में दुनिया जहान के शब्द आए हैं। हमारी हिंदी के अंदर अरबी, फारसी, तुर्की कई भाषाओं के शब्द हैं, मैं उन शब्दों की पहचान करता हूं और वह शब्द कहां से आए, कैसे आए, किन परिस्थितियों में आए उनको हम लिखते हैं, राजकमल प्रकाशन से ऐसे 10 खंड आ रहे हैं, शब्दों का सफर नाम से। अजीत वडनेकर, भाषा शास्त्री
कार्यक्रम में इनको किया गया सम्मानित
रविशंकर श्रीवास्तव को राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान 2021, शिखा वार्ष्णेय को राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान 2021, हाइंस वर्नर वेस्लर को राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान 2021, जयंत विष्णु नार्लीकर को राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान 2021, अजीत वडनेरकर को राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया।