दूसरों की कमियां निकालना आसान निकालें खुद की बुराई : अनिरुद्धाचार्य
इंदौर। जीवन में दूसरों की कमी निकालना सरल है, मगर स्वयं की बुराई निकालना कठिन है। अच्छा व्यक्ति वह है जो स्वयं की बुराई देखकर उसे सुधार ले। हर कार्य नि:स्वार्थ भाव से करना चाहिए। जीवन में भगवत चिंतन बहुत जरूरी है। कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य का उद्धार होता है।
उक्त उद्गार हैं कथावाचक आचार्य पं. अनिरुद्धाचार्य महाराज के। अवसर था कनकेश्वरी गरबा परिसर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का। आचार्य ने कहा कि जीवन में हर व्यक्ति को दान- पुण्य, अच्छे कर्म अवश्य करना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति के साथ उसके पुण्य कर्म ही जाते हैं। जीवन में परोपकार की भावना जरूर रखना चाहिए। मनुष्य को परोपकार सबसे बड़ा बनाता है। हमें सनातन धर्म, संस्कृति का पालन अवश्य करना चाहिए। मां अहिल्या की नगरी इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है, जितना स्वस्थ शरीर होगा उतना स्वच्छ मन होगा। जीवन में सही निर्णय लें।
निकली कलश यात्रा - कथा की शुरुआत भव्य कलश यात्रा के साथ हुई। इसमें तीन हजार से ज्यादा मातृशक्तियां सिर पर कलश लेकर निकलीं। राधे-राधे के जयकारों से पूरा यात्रा मार्ग गुंजायमान हुआ। भागवत कथा में हजारों भक्त शामिल हुए। आयोजन प्रमुख विधायक रमेश मेंदोला ने बताया कि कलश यात्रा में ढोल, ताशे, बैंड बाजे, शंखनाद व जयघोष करते युवा शामिल हुए। आदिवासियों का दल नृत्य करते हुए चल रहा था।
कथा में पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर रामगोपालदास महाराज, महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, हंसपीठाधीश्वर रामचरणदास महाराज, महामंडलेश्वर चैतन्य स्वरूप महाराज, महामंडलेश्वर रामकृपालदास महाराज, बालकदास महाराज सहित बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हुए।
रखा दो मिनट का मौन
बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी पर हुए हादसे में मृत हुए दिवंगतों को भागवत कथा में साधु-संतों के साथ हजारों भक्तों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना की।