स्टार्टअप-पीएचडी होल्डर्स का US में बसना होगा आसान

स्टार्टअप-पीएचडी होल्डर्स का US में बसना होगा आसान

वाशिंगटन। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक विधेयक पारित किया है, जिसके बाद स्टार्टअप्स एवं पीएचडी होल्डर्स का देश में रहना आसान हो जाएगा। इस कानून का उद्देश्य हालांकि अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाना है लेकिन इसमें प्रस्तावित अप्रवासन सुधारों से भारतीय अभ्यर्थियों की कुछ श्रेणियों को फायदा होने की उम्मीद है। इस नए कानून में कनाडा एवं आॅस्ट्रेलिया की ही तरह स्टार्टअप के फाउंडर के अब अमेरिका में भी बसने की राह आसान हो जाएगी। लॉ फर्म ग्रीनस्पून मार्डर में पार्टनर नंदिनी नायर का कहना है कि इस कदम से ग्रीन कार्ड होल्डर भारतीयों का बैकलॉग दूर होगा। लेकिन नया कानून उन हजारों लोगों की मदद नहीं कर पाएगा जो दशकों से रहवासी बनने की कतार में हैं क्योंकि इस कानून का लाभ उठाने के लिए अभ्यर्थी का साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथेमेटिक्स (स्टेम) श्रेणी में पीएचडी डिग्री धारक होना अनिवार्य है। नए कानून के तहत किसी विदेशी नागरिक को देश में निवास की अनुमति के लिए उसकी अमेरिका के किसी स्टार्टअप में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ ही उस उद्यम में किसी अमेरिकी नागरिक का 25 हजार डॉलर का निवेश होना चाहिए। इससे अमेरिका में रहने वाले उन भारतीयों को फायदा होगा जोकि स्टार्टअप में भागीदार हैं लेकिन जिनके वीजा का स्टेटस स्पष्ट नहीं है।