कोरोना की आड़ में जेएएच में अवैध एंबुलेंस वालों की मौज
Corona

ग्वालियर। जेएएच प्रबंधन में अचल भर से मरीज उपचार के लिए आते हैं और इनकी सुविधा के लिए खड़ी प्राइवेट एंबुलेंस वाले न केवल मरीजों के साथ मनमानी कर रहे हैं, बल्कि प्रबंधन को भी चूना लगा रहे हैं। प्राइवेट एंबुलेंस वाले कोरोना की आड़ में जेएएच में आने वाले मरीजों से पैसा तो कमा रहे हैं, लेकिन जेएएच प्रबंधन को कोई शुल्क जमा नहीं कर रहा है। जेएएच परिसर में 45 से 50 अवैध एंबुलेंस चल रह रही है, लेकिन कोरोना से पहले तो जो दो तीन लोग मासिक शुल्क जमा करा रहे थे उन्होंने भी यह शुल्क जमा कराना बंद कर दिया है, जबकि प्रबंधन कई बार इनसे पूर्व में गुहार लगा चुका है। दरअसल जब भी जेएएच प्रबंधन इन अवैध एंबुलेंस वालों पर कार्रवाई करना शुरू करता है तो यह लोग हड़ताल कर देते हैं, जिसकी वजह से मरीज परेशान हो जाते हैं और प्रबंधन ढीला पड़ जाता है। अब देखना यह है कि नए अधीक्षक इन पर किस प्रकार लगाम लगाते हैं। प्रशासन की कार्रवाई भी रही बेअसर 27 जून 2019 को जेएएच प्रबंधन की शिकायत पर अवैध एंबुलेंस पर पुलिस-प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 33 अवैध एंबुलेंस क्रैन से टंगवाकर थाने पहुंचाया था। यह कार्रवाई तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश एसडीएम दीपशिखा भगत ने की थी। इसके बाद भी अवैध एबुलेंस का संचालन यहां बद नहीं हुआ।
आरएफआईडी भी बनी शो पीस
जेएएच की पार्किंग व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जेएएच प्रबंधन द्वारा जनवरी में शुरू किया आरएफआईडी पार्किंग सिस्टम भी शो पीस बनकर रह गया है और फिर से पार्किंग अव्यस्थित चल रही है, ठेकेदार के लड़के फिर से मैन्युअल पर्ची काट रहे हैं। एंबुलेंस वालों की मैंने फाइल मंगाई है, अभी तक जो चलता रहा है वह अब नहीं चलेगा। जो एंबुलेंस वाला जेएएच परिसर में सेवाएं देगा उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा और तय शुल्क जमा करना होगा।
प्लानिंग कागजों तक ही सिमटी
जेएएच में अवैध एंबुलेंस वालों को हटाने व इनसे शुल्क वसूलने को लेकर प्रबंधन के पूर्व अधीक्षक ने कई बार प्रयास किया, यहां तक एक लिमिट में परिसर में एंबुलेंस खड़ी कराने की प्लांनिग भी की गई, लेकिन इनकी किसी भी हिदायत को अवैध एंबुलेंस वालों ने सीरियस नहीं लिया। यहां तक कि 21 जनवरी को इनका शुल्क 2500 से घटाकर 1000 रुपए किए जाने का फंडा भी अपनाया था, लेकिन यह लोग इस पर भी राजी नहीं हुए। कुछ ने आवेदन दिए, लेकिन एक नाम पर तीन चार एंबुलेंस चलाने वालों ने इसमें भी अडंगा लगा दिया।