भरतनाट्यम में कलापी प्रस्तुति, नृत्यांगना ने दिखाया जंगल में मोर के भ्रमण करने का दृश्य

भरतनाट्यम में कलापी प्रस्तुति, नृत्यांगना ने दिखाया जंगल में मोर के भ्रमण करने का दृश्य

 भारत भवन में चल रहे बहुकला समारोह दिनमान के दूसरे दिन गुरुवार को भरतनाट्य और कथक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत मोहिका सक्सेना द्वारा भरतनाट्यम प्रस्तुति से हुई, जिसमें उन्होंने कुल चार प्रस्तुतियां दीं, जिसमें पहली प्रस्तुति विश्व पालन हार भगवान विष्णु की आराधना के रुप में रही। वहीं दूसरी व तीसरी प्रस्तुति के रुप में ‘कलापी’ की प्रस्तुति रही। कलापी यानी मयूर के भाव पूर्ण नृत्य, भावभंगिमाओं को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया, जिसमें जंगल भ्रमण, वृक्ष पुष्प, हिरण की कुलांचों के साथ मयूर नृत्य को भरतनाट्यम विद्या से दर्शाया। वहीं अंतिम प्रस्तुति तिल्लाना की रही।

शिव के अलग-अलग रूपों का किया वर्णन

इसकी अगली कड़ी में नयनिका घोष ने कथक के अलग-अलग रुपों को दर्शाती कथा काहे जो कथक कहाबे.... से की। इसके बाद भगवान शिव के विभिन्न रुपों को प्रस्तुति में दर्शाया, जिसमें जहां एक ओर शिव सृष्टि के पालनहार है, वहीं दूसरी और शंकर के रुप में संरक्षक व नटराज के रुप में विनाशक है। अगली प्रस्तुति के रुप में ताल तीन ताल में कथक की अलग अलग कम्पोजिशन को प्रस्तुत किया, जिसमें तोड़े, टुकड़े, तिहाई, परन व घटनिकास की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। वहीं अगली प्रस्तुति नयनिका की जुगलबंदी की रही, जिसमें नयनिका ने तबला, पखावज की ताल पर घुंघरुओं की जुगलबंदी प्रस्तुत कर रसिकजनों का बेहतरीन मनोरंजन किया।

पेंटिंग में नेचर के साथ कृष्ण

वहीं राजगढ़ के रोहित जोशी ने कृष्ण को पेंटिंग में उकेरा है, पेंटिंग को कृष्ण इन द हाल्ट नाम दिया है। पेंटिंग में नेचर को दिखाया है साथ घर के अंदर कृष्ण बासुंरी बजा रहे, जिसे सुन आस- पास का वातावरण कृष्णमय हो गया है। रोहित ने पेंटिंग को एक्रेलिक कलर से तैयार किया है जो कि काफी खूबसूरत नजर आती हैं।

शादी के दृश्य को अलग-अलग तरह से उकेरा

इंदौर के आदित्य चढ़ार ने वूमेन्स मेरिज को चित्र में उकेरा है। उन्होंने एक फ्रेम में 102 चित्र को तैयार किया है। इसमें अलग-अलग तरह से शादी के दृश्य को दिखाया है। इस चित्र को एक्रेलिक कलर की मदद से कैनवास पर उकेरा है।