केंट : 5 माह में खर्च हुए 8 करोड़, हिसाब बताने जिम्मेदार कर रहे आनाकानी

केंट : 5 माह में खर्च हुए 8 करोड़, हिसाब बताने जिम्मेदार कर रहे आनाकानी

जबलपुर । केंट बोर्ड में विकास कार्यों, रिपेयरिंग,खरीदी से लेकर वेतन भत्तों पर 5 महीने में 8 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च हो चुकी है मगर यदि नियमानुसार इसकी कोई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगता है तो वह नहीं दी जाती। अफसर एक दूसरे पर टालते हैं,वहीं यहां के सीईओ से बातचीत होना बेहद दुष्कर कार्य है। केंट बोर्ड का गठन क्षेत्रीय नागरिकों के लिए किया गया है। इसका मुख्य काम क्षेत्र का विकास,नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाना है। इसके लिए शासन से उसे करोड़ों रुपए मिलते हैं और नागरिकों से संपत्ति-जलकर लीज के नाम पर टैक्स भी मिलता है। यह राशि जाती कहां है यह पूछना गुनाह है। सूचना के अधिकार के तहत केंट बोर्ड प्रबंधन बाध्य है कि उसे जानकारी देनी होगी मगर इसमें भी हीलाहवाली की जाती है। जनहित में किए जाने वाले कामों का व्यौरा लेने कई नागरिकों ने 6 से 8 माह पूर्व से आरटीआई दायर की हुई है मगर उन्हें जानकारी नहीं दी जा रही है।

निरंतर चलते हैं काम

केंट क्षेत्र में विकास के कार्य निरंतर चलते रहते हैं। कहीं पर सड़क की रिपेयरिंग होती है तो कहीं फुटपाथों पर पेबर ब्लॉक लगाए जाते हैं। इसके अलावा जरूरत की जगह पर नाली निर्माण भी कराए जाते हैं। इस वर्ष के वित्तीय साल यानि अप्रैल से अब तक के 5 माह में करीब 8 करोड़ रुपए केंट बोर्ड खर्च कर चुका है। यह खर्च निर्माण कार्य, खरीदी,रिपेयरिंग व वेतन भत्तों में व्यय हुई है। वहीं ज्यादातर ठेका कर्मियों को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया है। स्कूलों के ठेका शिक्षकों को भी निकाल दिया गया है। इसके बावजूद इतनी भारी भरकम राशि कहां खर्च कर दी गई यह बताने में अफसर परहेज कर रहे हैं। कोरोना संकट के बीच चालू कराया गया सेनिटाइजेशन भी बंद करवा दिया गया है।