अपर सचिव गृह का फर्जी आदेश तैयार करने वाले भूमाफिया मद्दा को भेजा जेल

अपर सचिव गृह का फर्जी आदेश तैयार करने वाले भूमाफिया मद्दा को भेजा जेल

इंदौर। सांठगांठ और जमावट के चलते लंबे समय से फरार चल रहे भूमाफिया दीपक जैन उर्फ मद्दा को क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार रात मथुरा के होटल से गिरफ्तार किया। उसे गुरुवार को खजराना पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने मद्दा का मेडिकल करवाया और उसके बाद उसे रासुका के मामले में सेंट्रल जेल भेज दिया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार दीपक मद्दा को मथुरा के पास से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। फरवरी 2022 में तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने जमीन हड़पने के मामले में मद्दा के खिलाफ छह एफआईआर दर्ज कराई थी और उस पर रासुका भी लगाई थी।

फर्जी आदेश बनाकर उलझा -मद्दा ने अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा के हस्ताक्षर वाला एक फर्जी पत्र खजराना पुलिस को भेजकर कहा था कि उसकी गिरफ्तारी नहीं की जाए। उसने तब पत्र के माध्यम से दावा किया था कि उस पर लगाई गई रासुका को गृह विभाग ने निरस्त कर दिया है। पत्र की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि आदेश फर्जी है। लगभग दो वर्ष पुराने इस मामले में खजराना पुलिस ने फर्जी आदेश तैयार करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इसी मामले में मद्दा वांछित था। शेष मामलों में विभिन्न अदालतों ने मद्दा को गिरफ़्तारी से राहत दी है।

सहायता करने वालों की तलाश -रासुका का मूल आदेश निरस्त नहीं हुआ था, लिहाजा उसी आधार पर इंदौर पुलिस लगातार मद्दा को तलाश रही थी। उसकी लोकेशन मथुरा के आसपास मिली तो टीम उसे पकड़ने पहुंच गई और उसे वहां से गिरफ्तार कर गुरुवार सुबह इंदौर ले आई। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मद्दा की फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने मदद की थी।

  1. बीते 15 सालों में मद्दा के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई। उस पर आरोप है कि एक दर्जन से ज्यादा गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें हड़पने के साथ ही उसने हजारों पीड़ितों को भूखंडों से वंचित भी किया।
  2. हैरानी की बात यह है कि भूमाफियाओं के खिलाफ 2008-09 में जब राज्य सरकार ने अभियान चलाया तब भी मद्दा हाईकोर्ट से जमानत पाने में सफल रहा था।