फर्जी दस्तावेज के जरिए बैंक से लिया था लोन
इंदौर। भ्रष्टाचार के लिए गठित इंदौर के विशेष न्यायालय ने फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप सिद्ध होने पर एक महिला सहित दो को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश राकेश गोयल ने मोहन यादव और मोना यादव को दंडित किया है। दोनों पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 120 (बी) की तहत प्रकरण दर्ज किया था। 420 धोखाधड़ी में तीन- तीन वर्ष, 471 कूटरचित दस्तावेज तैयार करने पर 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास और 11000-11000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। दोनों के सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की मिल एरिया ब्रांच ने 24 अगस्त 2011 को शिकायत की थी। शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया और फर्जी दस्तावेज तैयार कर 20 लाख रुपये लेने का आरोप सही साबित हुआ है।
चेन स्नेचर को एक वर्ष का कारावास
इसी तरह जेएमएफसी प्रत्युष चतुर्वेदी ने 20 वर्षीय युवक करण पिता मोहरसिंह तंवर को लूट के मामले में एक वर्ष के सश्रम कारावास और 600 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। सहायक जिला लोक अभियोजन त्रिलोकचन्द्र सावनेर ने बताया कि 17 फरवरी, 2022 को पीड़िता वैजयन्ती जैन ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़िता साड़ी की शॉपिंग करके उसकी दो देवरानियों के साथ स्रेह नगर की तरफ मुड़ी इस बीच उसके गले से चेन स्रेंिचग कर आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने जांच के बाद करण को गिरफ्तार किया। उसका गुनाह सिद्ध हो गया है।