माल्या केस में लंदन की कोर्ट ने मनमोहन-चिदंबरम को भी घेरा

लंदन। भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लंदन की कोर्ट से आंशिक राहत मिली है। कोर्ट ने बैंकों द्वारा माल्या को दिए गए लोन को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं तत्कालीन वित्त मंत्री द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर सवाल उठाए हैं। बैंकों को लिखे गए पत्र में इन दोनों नेताओं ने माल्या को लोन देने का आदेश दिया था। शुक्रवार को माल्या के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एम्मा अरबौनाट ने साफ तौर पर यह कहा कि माल्या की एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को लोन देने में भारतीय बैंकों ने पूरी तरह अपने ही नियमों एवं प्रावधानों का उल्लंघन किया। यह कहा जा सकता है कि इस मामले में आंख मूंद कर काम किया गया। कोर्ट ने यह टिप्पणी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के संदर्भ में की है जिन्होंने बैंकों की आपत्ति के बाद भी माल्या को लोन देने का आदेश दिया था। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा एवं सोनिया गांधी को शर्मिंदा होना चाहिए तथा देश की जनता को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस के इन दोनों नेताओं ने बैंकों की ब्लैक लिस्ट में शामिल विजय माल्या को लोन देने के लिए पत्र क्यों लिखा। आश्चर्यजनक बात यह है कि यह खबर न्यूज चैनलों से अब तक गायब है।
क्या पीएम व वित्तमंत्री के पत्र को खारिज कर सकते हैं बैंक के अधिकार
लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट की न्यायाधीश एम्मा अरबौनाट ने विजय माल्या को दिए गए लोन में भारतीय बैंकों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं कदाचरण को खुलकर उजागर किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी बैंक के अधिकारी को यह अधिकार है कि वह देश के प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के लिखित आदेश की अवहेलना कर सके। मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि इस मामले में भारतीय बैंकों के हजारों करोड़ रुपए लूटने के लिए विजय माल्या से अधिक जिम्मेदार मनमोहन सिंह एवं पी चिदंबरम को क्यों नहीं माना जाए।
भारत : विजय माल्या के तीन बच्चों को चुकाने होंगे 318 करोड़ रुपए
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को कोर्ट की अवमानना के मामले में 4 महीने कैद और 2 हजार रु. जुर्माने की सजा सुना चुका है। साथ ही 4 हμतों में ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर भी चुकाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सोमवार को ये सजा सुनाई है। अवमानना का ये मामला 40 मिलियन डॉलर यानी लगभग 318 करोड़ रु. से जुड़ा हुआ है। माल्या ने ये रकम अपने तीन बच्चों को भेजी थी। कोर्ट ने चार हμते में ये रकम ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है। विजय माल्या पर 9 हजार करोड़ रु. से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी करने का आरोप है। मार्च 2016 से माल्या यूके में रह रहा है। उसे भारत लाने की प्रक्रिया जारी है।