श्री महाकाल लोक थीम पर मंच, नंदी पर आए भगवान शिव

श्री महाकाल लोक थीम पर मंच, नंदी पर आए भगवान शिव

 जगमगाती रोशनी भोपालवासियों को आकर्षित कर रही थी। हाई वोल्टेज साउंड पर जब परफॉर्मेंस शुरू हुर्इं तो ग्राउंड में जिसे जहां जगह मिली, वह वहीं ठहर गया। मौका था, मंगलवार को मप्र के 67वें स्थापना दिवस समारोह का। इस दौरान मैत्रेयी पहाड़ी के निर्देशन में नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई, नृत्य नाटिका में देशभर से आए 400 कलाकारों ने मंच पर शिव महिमा की प्रस्तुति दी। वहीं शंकरएहसा न-लॉय बैंड की प्रस्तुति हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, अधिकारी एवं कर्मचारी विशेष रूप से उपस्थित थे। नृत्य में कथक, भरतनाट्य, छाऊ और मोहनीअट्टम : कार्यक्रम की शुरुआत चरणजीत सिंह ने मप्र गान के साथ की। इसके बाद 40 मिनट की नृत्य नाटिका शिव महिमा की प्रस्तुति दी गई। कलाकारों ने प्रस्तुति में शिव की लीलाओं का वर्णन किया। इस दौरान नंदी पर बैठकर भगवान शिव मंच पर आए। पेरणी नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से शिव तांडव पेश किया। वहीं नाटिका में गंगा अवतरण के दृश्य ने सभी का मन मोह लिया। इसके बाद प्रस्तुति में शिव के श्रृंगार रूपों का वर्णन किया।

सीएम और शंकर ने गाया महामृत्युंजय मंत्र

अगली प्रस्तुति के लिए रात 10 बजकर 10 मिनट शंकर-एहसान- लॉय की तिकड़ी जैसे ही स्टेज पर आई तो श्रोता जोश से भर गए। शंकर महादेवन ने वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ... से कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह के साथ महामृत्युंजय मंत्र गाया। अगली कड़ी में डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन वर्क्स को ‘हां यही रास्ता है तेरा तूने अब जाना है...’ गीत पेश किया। इसके बाद ‘कल हो न हो...’, ‘मैंने जिसे अभी-अभी देखा है कौन है वो अनजानी...’ और मैं कभी बतलाता नहीं... जैसे गीत पेश किए।

हमारी तिकड़ी ने 28 साल में आपस में कोई कागजी समझौता नहीं किया, हमारा साथ ऊपर वाले की देन : शंकर महादेवन

आज जहां हर प्रोफेशनल वर्क कागज पर डील करके वकीलों की मौजूदगी में फाइनल होता है, ऐसे समय में यह जानना हैरत की बात है कि जानी-मानी शंकर- एहसान- लॉय की तिकड़ी ने 28 साल में कोई कागजी समझौता नहीं किया। इस पर शंकर महादेवन कहते हैं, हमारी तिकड़ी तो ऊपर वाले की देन है कि हम तीनों को जोड़ा। हमें जुड़े हुए 28 साल हो गए हैं, न तो हमने कभी कोई पेपर साइन किया, न ही हमारे बीच कोई एग्रीमेंट हुआ। हमारे बीच कभी लड़ाई नहीं होती, हम लोग बहुत लड़ते झड़ते हैं, बिल्कुल पति-पत्नी की तरह लेकिन हम लोगों का फाइनल डेस्टिनेशन एक ही रहता है। बॉलीवुड सिंगर व कंपोजर शंकर-एहसान-लॉय मंगलवार को मप्र स्थापना दिवस समारोह में प्रस्तुति देने पहुंचे थे। बच्चे पैदा होने से लेकर शादी-ब्याह में संगीत : शंकर कहते हैं कि किसी भी सिंगर के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह टीवी पर आएगा, तभी चलेगा। अब तो हर स्टेज पर संगीत का कोई न कोई इवेंट किया जाता ही है। बच्चे के पैदा होने से लेकर शादी-ब्याह, हल्दी, मेहंदी में संगीत का ट्रेंड देखा जा सकता है।

नन्हे-मुन्नों के आगे हो जाते हैं नतमस्तक

अब छोटे-छोटे नन्हें-मुन्ने में ऐसी प्रतिभा देखने को मिलती है कि हम कुर्सी छोड़कर, ताली बजाकर, उनके आगे नतमस्तक होते हैं कि इन नन्हें मुन्नों में इतनी प्रतिभा कहां से आ गई। क्लासिकल संगीत किसी भी संगीत की नींव होती है जिस प्रकार मीडिया में ग्रामर स्ट्रांग हो तभी आप काम कर पाते हैं। उसी तरह यदि सिंगर के लिए उसका शास्त्रीय गायन स्ट्रांग होगा तो वह काफी आगे बढ़ेगा।