जिला अस्पताल में एक साल में नहीं आ पाई MRI मशीन

जिला अस्पताल में एक साल में नहीं आ पाई MRI मशीन

ग्वालियर। शहर के अस्पतालों में इन दिनों मरीजों को एमआरआई जैसी महत्वपूर्ण व महंगी जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा है सरकारी अस्पतालों में केवल जेएएच समूह के अस्पताल में एमआरआई की जांच सुविधा तो है, लेकिन ओवरलोड होने के कारण यहां मरीजों को 20 से 22 दिनों की लंबी वेटिंग पर्ची थमा दी जाती है, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की बात की जाए तो यहां पर केवल योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता। ऐसा ही कुछ एमआरआई की जांच को लेकर भी हुआ, एक साल पहले प्लानिंग की गई, लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी जांच तो दूर की बात मशीन तक नहीं आ पाई है। जिसका खामियाजा बेबस मरीजों को भुगतना पड़ रहा है और मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट जांच केन्द्रों यह महंगी जांच करानी पड़ रही है।

हालांकि जेएएच में एमआरआई की जांच के लिए केवल एक ही मशीन लगी है, यह मशीन लगातार चलने के बाद भी जितने मरीज यहां पहुंचते हैं, उन सभी की जांच नहीं कर पाती है, क्योंकि एक जांच करने में करीब 45 मिनट से लेकर 1 घंटे का समय लगता है। इसके साथ ही प्रबंधन उन मरीजों को अधिक प्राथमिकता देता है, जो कि जेएएच के अस्पतालों में एडमिट रहते हैं। इसी के चलते बाहर यानि की दूसरे अस्पतालों से जो मरीज आते हैं उनकी जांच नहीं हो पाती है। दूसरी ओर जिला अस्पताल मुरार प्रबंधन ने आला अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद इस जांच के लिए स्थान भी तय कर दिया है, लेकिन मशीन का इंतजार ही हो रहा है।

खुशबू तिवारी को फिर मिला लेबर रूम का चार्ज

जिला अस्पताल मुरार की व्यवस्थाओं में सुधार का हवाला देते हुए सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा ने लेबर रूम के प्रभार में एक बार फिर से बदलाव किया है। लेबर रूम का प्रभारी खुशबू तिवारी को बनाया है, इस आदेश के बाद अस्पताल में यह चर्चा जोरों पर चल रही है कि यह आदेश दबाव के चलते निकाला गया है। हालांकि 8 दिसंबर से पहले तक जच्चाखाने के लेबर रूम का प्रभार इन पर था, लेकिन शिकायतों का हवाला देते हुए सिविल सर्जन ने आदेश जारी करते हुए इनसे चार्ज लेकर नर्सिंग ऑफिसर रजनी शाल्या को दिया था, लेकिन सिविल सर्जन ने हाल ही में आदेश जारी कर खुशबू तिवारी को एक बार फिर से यह जिम्मेदारी दी है। नए आदेश के मुताबिक रजनी शाल्या को गहन शिशु इकाई भेजा गया है।

यह बात सही है कि हमारे अस्पताल में एमआरआई की जांच शुरू होनी है, भोपाल से मिले निर्देश के बाद हमने जगह फाइनल कर ली है। हमें मशीन नहीं मिल रही है, इसको लेकर हम कई बार भोपाल पत्र लिख चुके हैं, मशीन आने के चंद दिनों के भीतर जांच की सुविधा शुरू हो जाएगाी। डॉ. आलोक पुरोहित, आरएमओ जिला अस्पताल मुरार