मणिपुर हिंसा को राज्य और केंद्र ने नजरअंदाज किया
इंफाल। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसद मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने इंफाल के राजभवन पहुंचे हैं। इस बीच, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि मणिपुर में हो रही हिंसा को राज्य और केंद्र सरकार ने नजरअंदाज किया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा। अधीर रंजन ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं।
तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मणिपुर को बांटने की मांग
कुकी नेता और भाजपा विधायक पाउलेनलाल हाओकिप का कहना है कि मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए राज्य को तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बांट देना चाहिए। एक इंटरव्यू में हाओकिप ने मणिपुर के जातीय अलगाव को राजनीतिक और प्रशासनिक मान्यता देने की वकालत की है। वहीं, मैतेई समुदाय ने राज्य को बांटने का विरोध किया है।