ऑक्सीजन खत्म होने के मामले में मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को हटाया

ऑक्सीजन खत्म होने के मामले में मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को हटाया

पीपुल्स समाचार की खबर के बाद बड़ा एक्शन

जबलपुर/शहडोल | शहडोल मेडिकल कॉलेज के कोविड आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने के मामले में अधीक्षक डॉ. राजेश तेंबुरलीकर को रविवार को हटा दिया गया। उनकी जगह डॉ. नागेंद्र सिंह को प्रभार सौंपा गया है। शुक्रवार रात मेडिकल कॉलेज में उस वक्त हड़कंप मच गया था जब ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गए थे। यहां कोविड वार्ड में भर्ती उमरिया निवासी 61 वर्षीय परमानंद श्रीवास्तव की हालत बिगड़ने लगी थी। उनका ऑक्सीजन लेवल 40 प्रतिशत पर पहुंच गया था। उस समय मेडिकल में कुल 27 कोविड मरीज भर्ती थे, इनमें 5 क्रिटिकल तथा 8 वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे। उमरिया निवासी मरीज के परिजनों के जरिए बात कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह तक पहुंची और आनन-फानन में धनपुरी तथा जिला अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराई गई। इस खबर को पीपुल्स समाचार ने 6 सितंबर को प्रमुखता से छापा था।

घटना को सामान्य बता रहे थे जिम्मेदार

मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार तथा प्रशासनिक अधिकारी घटना के बाद शनिवार को जिस तरह से जवाब दे रहे थे, ऐसा लग रहा था कि या तो कुछ हुआ ही नहीं है या फिर जो हुआ है वह बहुत ही सामान्य बात है। किसी के भी जवाब से यह नहीं लग रहा था कि सिलेंडर की वैकल्पिक व्यवस्था स्थानीय स्तर पर न हो पाती तो किसी की जान भी जा सकती थी। अधीक्षक का कहना था कि दो गाड़ियां आॅक्सीजन लेने गई थीं और दोनों ही खराब हो गर्इं। पीपुल्स समाचार ने इस खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित किया और नतीजा कार्रवाई के रूप में सामने आया। रविवार को मेडिकल प्रबंधन ने इस एक्शन की जानकारी भी प्रदान की।

ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक रखने के आदेश

ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से निश्चित तौर पर कोविड आईसीयू में चिंता का माहौल हो गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉ. राजेश तेंबुरलीकर को अधीक्षक पद से हटाकर उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है। अधीक्षक पद की जिम्मेदारी डॉ. नागेंद्र सिंह को सौंपी गई है। ऑक्सीजन स्टाक सहित अन्य तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के भी जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए हैं। डॉ. मिलिन्द शिरालकर, डीन, मेडिकल कॉलेज

ऑक्सीजन की डिमांड लगातार बढ़ रही है। मांग और आपूर्ति की स्थिति के मद्देनजर मेडिकल प्रबंधन को पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है। नरेश पाल, संभागायुक्त शहडोल्

पिताजी की हालत में काफी सुधार है। ऑक्सीजन लेवल 100 प्रतिशत पर आ गया है। बाजार से 6 इंजेक्शन भी खरीदे गए हैं, जो उन्हें लगाए जा रहे हैं। -वैभव श्रीवास्तव कोविड पेंशेंट परमानंद के पुत्र

जेएएच में आधी रात ऑक्सीजन संकट

ग्वालियर। मरीजों की बढ़ती संख्या और मांग की तुलना में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होेने की वजह से अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच में आॅक्सीजन की कमी होने लगी है। शनिवार एवं रविवार की रात को अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर का संकट खड़ा हो गया। जैसे ही आॅक्सीजन की कमी के बारे में अस्पताल प्रबंधन को सूचना मिली तो आला अधिकारी रातभर चकरघिन्नी बने रहे। जैसे-तैसे 5 घंटोें में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई । अगर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती तो इनकी जान पर बन आती। कोरोना काल में आक्सीजन की खपत में इजाफा हुआ है और हर रोज करीब 1,200 आक्सीजन सिलेंडर लग रहे हैं, लेकिन यहां सप्लायर के पास 800 सिलेंडर सप्लाई वाला ही प्लांट है।