खनिज अधिकारी पर भेदभाव कार्रवाई का लगाया आरोप ग्रामीणों ने कहा पावर मेक कंपनी के इशारे पर हो रही कार्यवाही.

खनिज अधिकारी पर भेदभाव कार्रवाई का लगाया आरोप ग्रामीणों ने कहा पावर मेक कंपनी के इशारे पर हो रही कार्यवाही.

नसरुल्लागंज । छिपानेर में विगत 2 दिनों से खनिज, राजस्व एवं पुलिस मामले के द्वारा सड़क के किनारे पड़ी हुई अवैध रेत को जप्त करने की कार्यवाही की जा रही हैं। विभाग की इस कार्यवाही पर ग्रामीणों के द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्यवाही के आरोप लगाए हैं। इस मामले में खनिज अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी भी संदेह की स्थिति को निर्मित कर रही है। खनिज अधिकारी के द्वारा कई समाचार पत्रों को शनिवार को 200 डंपर रेत जप्त किए जाने की सूचना देना और रविवार को मात्र 125 से 150 डंपर रेत जप्त किए जाने की बात कहना कहीं ना कहीं कार्यवाही में संदेह की स्थिति को निर्मित कर रही हैं। वही पक्षपातपूर्ण कार्यवाही को लेकर ग्रामीणों के द्वारा आरोप लगाया जाना भी पावर मेक कंपनी एवं अधिकारियों की सांठगांठ को उजागर कर रहा हैं। लंबे समय के बाद कई महीनों से पड़े रेत के अवैध ढेर पर प्रशासन एवं खनिज विभाग की नजर उस समय पड़ी जब एक सप्ताह अंदर ही रेत माफियाओं के द्वारा बीच सड़क पर उत्पात मचाते हुए प्रशासन को घुटने पर ला दिया। इसके बाद प्रशासनिक अमले ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए छिपानेर में पड़ी अवैध रेत को अपना निशाना बनाया। इस मामले में रविवार को भी पूरे दिन कार्यवाही चलती रहे और गोपालपुर मंडी सहित इंदौर रेत भेजे जाने की सूचना मिल रही हैं। 

पावर मेक कंपनी के कर्मचारियों की मौजूदगी में आखिर कार्यवाही क्यों

छिपानेर में रेत का व्यापार करने वाले कई ग्रामीणों ने प्रशासन की कार्यवाही पर पक्षपातपूर्ण आरोप लगाते हुए कहा कि कार्यवाही करने का अधिकार प्रशासन को है तो फिर पावर मेक कंपनी के कर्मचारियों की मौजूदगी में कार्यवाही क्यों की गई। क्या कंपनी के कर्मचारियों हो विभाग के द्वारा की जा रही कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का अधिकार हैं। अधिकारियों ने कंपनी के कर्मचारियों के कहे अनुसार कार्यवाही की और कंपनी के कर्मचारी पूरे समय अधिकारियों के साथ बने रहे आखिर इन बातों के क्या मायने निकाले जाएं।

कार्यवाही के बाद कंपनी के वाहनों से डंप की जा रही रेत...

खनिज विभाग के द्वारा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से की गई कार्यवाही के बाद पावर मेक कंपनी के वाहनों से रेत डंप की जा रही हैं। हालांकि अधिकारी रेत गोपालपुर मंडी में स्थानांतरित किए जाने की बात कह रहे हैं। लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक रेत खनन कंपनी को संरक्षण देने वाले राजनीतिक लोगों के घरों पर भी रेत का स्टाक भारी मात्रा में लगाया जा रहा है और रेत सीधे भरकर इंदौर भेजी जा रही है। सीधे इंदौर रेत भेजे जाने के आखिर मायने क्या है।

आखिर कंपनी पर कार्यवाही करने में क्यों कतराते हैं खनिज अधिकारी...

छिपानेर नर्मदा तट वैध घाट नहीं है उसके बावजूद भी यहां से निकलने वाली रेत पर पावर मेंक कंपनी के द्वारा अपना अधिकार जमाते हुए जहाजपुर की रॉयल्टी दी जा रही है। जिसके सबूत कई बार सामने आ चुके हैं। छिपानेर नर्मदा घाट जहाज पुरा घाट की रॉयल्टी आखिर किसके इशारे पर दी जा रही हैं। इस मामले में खनिज विभाग के द्वारा कंपनी पर एक घाट की रॉयल्टी फर्जी तरीके से दूसरे घाट पर दिए जाने के मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं की हैं। ग्रामीण इस मामले में दबी जबान से यह भी कह रहे हैं कि पावर मेंक कंपनी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के साथ ही अधिकारियों का भी पूरा संरक्षण हैं। जिसके चलते कार्यवाही केवल छोटे रेत का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर होती है कंपनी पर कार्यवाही करने में अधिकारी परहेज करते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार...

छीपानेर में रेत के अवैध स्टॉक पर कार्यवाही लगातार जारी है और 125 से 150 डंपर रेत मौके से जप्त की गई हैं। रेत को गोपालपुर मंडी में डंप कराया जा रहा है। राजेंद्र परमार जिला खनिज अधिकारी सीहोर