भ्रष्टाचार में मामूली सुधार, 85वें पायदान पर पहुंचा भारत

नई दिल्ली। भारत भ्रष्टाचार से निपटने में कितना कामयाब हुआ है और फिलहाल देश में इसकी क्या स्थिति है, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (सीपीआई) की साल 2022 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोदी सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार के स्तर में 2 पॉइंट की कमी आई है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर दक्षिण एशियाई देश भ्रष्टाचार पर काबू पाने में असफल रहे हैं। सीपीआई की लिस्ट में भारत को 40 अंक दिए गए हैं। इसके चलते भारत को 180 देशों की लिस्ट में 85वां स्थान दिया गया है। जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी यानी की साल 2014 में भारत को 38 पॉइंट मिले थे। ऐसे में पिछले 8 सालों में करप्शन इंडेक्स में दो पॉइंट की बढ़त मिली है। मोदी सरकार के इन 8 सालों के कार्यकाल के दौरान भारत के अधिकतम 41 नंबर 2018 और 2019 में मिले थे।
पाकिस्तान फिर से 140वें पायदान पर :
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट में कहा है, कि ज्यादातर दक्षिण एशियाई देश करप्शन को कंट्रोल करने में नाकाम रहे हैं, जिसमें भारत के साथ-साथ पाकिस्तान भी शामिल है। इस रिपोर्ट में 180 देशों को शामिल किया गया है और प्वाइंट्स के आधार पर उनकी रैंकिंग की गई है। साल 2022 के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में पाक सुधार करने में नाकाम रहा है और उसे 180 देशों में 140वें नंबर पर रखा गया है। पाक पिछले साल भी 140वें नंबर पर ही था। यानी पाकिस्तान में करप्शन जस का तस बरकरार है। यही हाल भारत का भी है। भारत में सत्ता पक्ष भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के हजारों दावे करता रहता है, लेकिन करप्शन परसेप्शन इंडेक्श (सीपीआई) में भारत को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है।
पाकिस्तान 3 साल में 120वें से 140वें स्थान पर पहुंचा
पाकिस्तान को पिछले साल 28 प्वाइंट मिले थे और इस साल 27 नंबर मिले हैं, लेकिन पाकिस्तान की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है और पाकिस्तान 140वें नंबर पर मौजूद है। पाकिस्तान 2019 में 120वें स्थान पर था और इमरान खान के कार्यकाल में ही पाक 140वें नंबर तक पहुंचा है। इमरान खान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभूतपूर्व अभियान चलाने का दावा किया था, उनके कार्यकाल में ही रैंकिंग गिरी है। सूची में भूटान 25वें, चीन 65वें, मालदीव 85वें, श्रीलंका 101वें, नेपाल 110वें, अफगानिस्तान 150वें और म्यांमार 157वें स्थान पर है। वहीं, सूची में सबसे निचले स्थान पर सोमालिया है।
ब्रिटेन और जापान 18वें तो अमेरिका 24वें नंबर पर
सीपीआई जीरो (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (बहुत साफ) के पैमाने पर सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के स्तरों के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों को रैंक करता। एशिया पैसिफिक का औसत लगातार चौथे साल 45 पर है और 70 प्रतिशत से ज्याजा देशों की रैंक 50 से नीचे है। करप्शन लिस्ट में जापान 18वें नंबर पर, फ्रांस 21वें नंबर पर, यूनाइटेड किंगडम 18वें नंबर पर, अमेरिका 24वें नंबर पर, सऊदी अरब 54वें नंबर पर है।