बच्चा गोद लेने प्रदेश में 2500 से ज्यादा दंपत्ति कतार में, 3 से 4 साल की वेटिंग

जबलपुर। कोई भी परिवार तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक वहां बच्चे की किलकारी न सुनाई दे। हर कोई चाहता है कि उनके घर में एक बच्चा जरुर हो ताकि परिवार में खुशियां बनी रहे। इस बीच कई दंपति ऐसे भी है जो बायोलॉजिकल तरीके से बच्चे पैदा नहीं कर पाते। ऐसे में वह बच्चा गोद लेने की योजना बनाते हैं, लेकिन भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने और बच्चा मिलने में 3 से 4 साल तक का समय लग जाता है। अधिकारियों के मुताबिक आज बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया करने पर दंपति को 9 माह बाद वेटिंग लिस्ट में शामिल किया जाता है। स्टेट एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के अनुसार गोद लेने की प्रणाली में कई समस्याएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसकी रजिस्ट्री में बहुत कम बच्चे हैं। सूत्रों की माने तो इस साल प्रदेश में 300 बच्चों को गोद लेने वाले पूल में 2500 से ज्यादा माता-पिता बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यही कारण है कि परिवार एक बच्चे के अडॉप्शन के लिए लंबा इंतजार करना होता है। ऐसे में कई पैरेंट्स कानून प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं। कारा द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक भारत में भारतीय नागरिक, एनआरआई और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है। नियमों को पूरा करना जरुरी है। वहीं तरह के नागरिक के लिए अलग- अलग नियम तय किए हैं।
इन पैरेंट्स को स्पेशल केयर बच्चा मिलता है गोद
जिन पैरेंट्स के पहले से जैविक या गोद लिए बच्चों की संख्या तीन या उससे अधिक होती है तो ऐसे केस में कारा द्वारा उन्हें सिर्फ स्पेशल केयर वाले बच्चों को गोद दिया जाता है। वहीं पेंडेंसी की एक वजह यह भी है कि कई बच्चे गोद लेने योग्य नहीं श्रेणी में आते हैं। यानी आश्रय गृहों में कई ऐसे बच्चे भी रह रहे हैं जिसके माता-पिता उनकी परवरिश का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में उन्हें गोद लेना है तो उन्हें उनके जैविक अभिभावकों ने गोद देने की स्वीकृति लेनी पड़ती है।
रिजेक्ट करने पर वेटिंग हो जाती है लास्ट
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में इस साल 300 बच्चों में 2500 पैरेंट्स की वेटिंग है। ऐसे में एक पैरेंट्स को कारा की वेबसाइट में एक बच्चे की फोटो दिखाई जाती है। जिसे 15 दिन के अंदर बुक करना होता है। बच्चा अनलाइक करने पर 20 दिन बाद दूसरे व पुन: 20 दिन बाद तीसरे बच्चे की फोटो दिखाई जाती है। यदि पैरेंट तीनों बच्चों में किसी एक बच्चे को सिलेक्ट करता है तो गोद देने की प्रक्रिया आगे बढ़ती है, लेकिन वहीं अनलाइक करने पर पैरेंट की वेटिंग लिस्ट लास्ट हो जाती है।