400 से अधिक बेसहारों का किया अंतिम संस्कार

400 से अधिक बेसहारों का किया अंतिम संस्कार

ग्वालियर। समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो गरीब, असहाय लोगों को परेशान और दु:खी देखकर उनकी जाति, धर्म पूछे बिना तन, मन और धन से हर समय मदद को तैयार रहते हैं। ऐसे ही लोगों में से एक हैं- रविकांत अदालतवाले (वर्तमान में जीवाजी विवि में एनएनएस समन्वयक हैं)। जो ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए, जो परिजनों का इलाज कराने जेएएच अस्पताल आए थे, लेकिन जब उनकी मौत हुई तो जेब में इतने पैसे नहीं थे कि उनका अंतिम संस्कार कर सकें। ऐसे ही असहायों की मदद के लिए रविकांत ने मित्रों के सहयोग से सहयात्री संगठन बनाया। संगठन ने 400 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया, जिसमें हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम व अन्य समाज के लोग भी शामिल थे।

ऐसे मिली काम की प्रेरणा

रविकांत ने बताया कि मित्र अतुल उपाध्याय (दिवंगत) के साथ जेएएच में रिलेटिव को देखने के लिए गए थे। वहां एक महिला शव के पास बच्चों के संग रो रही थी। महिला से पता चला कि उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार कर सके। इस पर वह एंबुलेंस से शव को लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम ले गए और अंतिम संस्कार किया। इसके बाद उन्होंने ऐसे लोगों की मदद के लिए सहयात्री संगठन बनाया।

मित्र की मौत से काम रुका

रविकांत के अनुसार, मैंने और अतुल ने संगठन के जरिए वर्ष 2009 से 2018 तक 400 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया, लेकिन अतुल के देहांत और संगठन से जुड़े लोगों के ट्रांसफर के बाद संगठन थम गया था। मगर अब लोगों की मदद के लिए फिर समाजसेवियों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके संगठन को डॉक्टर, वॉर्डबॉय और एंबुलेंस वाले जानकारी देते थे कि गरीब को मदद की जरूरत है।

सहयात्री के रूप में 400 से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार में मदद की। जरूरतमंदों की सहायता के लिए संगठन को फिर से खड़ा किया जा रहा है। - रविकांत अदालतवाले, सहयात्री संगठन