कोरोना से मां की मौत ने जीवन की दिशा बदली, समाज की सेवा के लिए अमेरिका में रहने वाले डॉक्टर पति से लिया तलाक

भोपाल। कोविड की दूसरी लहर में उपजी परिस्थितियों और मां की मौत ने इस कदर आहत किया कि परिवार को छोड़कर मानव सेवा का निश्चय कर लिया। महिला ने विदेश में रहने वाले पति से तलाक के लिए पिछले साल अर्जी लगाई थी। दो हफ्ते पहले भोपाल के फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक को मंजूरी मिल गई। बता दें, पत्नी साल 2021 में भोपाल में ही रह रही है। अरेरा कॉलोनी निवासी महिला की शादी 22 साल पहले एनआरआई डॉक्टर से हुई थी। दंपति का बेटा भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। एमबीए पास आउट महिला माता-पिता की इकलौती संतान है और अमेरिका में रहते हुए ही पैतृक बिजनेस को रन करने में मदद करती थी। पांच साल पहले पिता की मौत हो गई। कोविड की दूसरी लहर में भोपाल में रहने वाली मां को हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। महिला उनके साथ रही और अस्पताल में लोगों की तकलीफ देखते और उनकी मदद करते उसका समय बीता। लेकिन, मां को बचा नहीं पाई। इसके बाद उसकी जीवन की दिशा बदल गई। पति ने समझाने की कोशिश की, लेकिन नहीं मानी। फैमिली कोर्ट में भी वह एक ही जिद पर अड़ी रही कि उसका मन गृहस्थी में नहीं लगेगा। पति ने अंत में उसकी मनोदशा को समझते हुए तलाक के लिए हां कह दी। साथ ही यह भी कहा कि जब भी उसे उसकी जरूरत होगी, वह साथ खड़ा नजर आएगा।
केवल पुण्य काम आते हैं:
महिला ने काउंसलर से कहा-मैंने सोच-समझकर यह निर्णय लिया है। बुरे वक्त में कोई मोह-माया नहीं, बस पुण्य ही काम आते हैं। अब बाकी समय समाज सेवा में ही बिताना चाहती हूं। पत्नी और मां की जिम्मेदारियां निभा चुकी हूं, अब वक्त है समाज और मानवता की जिम्मेदारी निभाने का।
पहले भी आ चुके हैं अपने देश:
फैमिली कोर्ट में पहले भी दो ऐसे मामले आए हैं, जिनमें भारत में रहने की खातिर दंपति में से एक ने अलग होने का फैसला लिया। पहले मामले में कोविड में जॉब जाने के बाद पति भोपाल आया था फिर यहीं रुक