नारी शक्ति वंदन विधेयक लगभग सर्वसम्मति से पास, श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में होड़

नारी शक्ति वंदन विधेयक लगभग सर्वसम्मति से पास, श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में होड़

नई दिल्ली। संसद के विशेस सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा के साथ मतदान भी हो गया। लोकसभा में यह सर्वसम्मति से पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विपक्ष में 2 वोट पड़े। असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने खिलाफ वोटिंग की। अब गुरुवार को राज्यसभा में बिल को पेश होगा। यहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इससे पहले चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच श्रेय लेने की होड़ दिखाई दी। कांग्रेस ने इसे राजीव गांधी का सपना करार दिया, जबकि भाजपा ने कहा- जो जीता वही सिकंदर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस बिल को आज ही लागू किया जाना चाहिए। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने की मांग की।

राहुल ने कहा- ओबीसी की संख्या बढ़ानी चाहिए:

हमारे इंस्टीट्यूशंस में ओबीसी की भागीदारी कितनी है, मैंने इसकी रिसर्च की। सरकार चलाने वाले जो 90 सेक्रेटरी हैं, उनमें से सिर्फ 3 ही ओबीसी से हैं। इसे जल्दी से जल्दी बदलिए। ये ओबीसी समाज का अपमान है। डरो नहीं (राहुल के बोलने के दौरान सांसदों ने हंगामा किया तो वे बोले), बिल पर बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए और इसे आज से ही लागू करना चाहिए।

हमारी पार्टी ने देश को ओबीसी पीएम दिया :

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल के ओबीसी वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को महज राजनीति करनी आती है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार में 29 ओबीसी मंत्री हैं। हमारी सरकार में 85 ओबीसी सांसद हैं। जो पार्टियां ओबीसी का राग अलापती हैं, उन्होंने कभी भी ओबीसी प्रधानमंत्री नहीं बनाया है। मगर, बीजेपी ने ओबीसी पीएम दिया है।

ओबीसी, मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने की मांग 

  • राहुल ने कहा- आज से ही लागू किया जाए, ओबीसी के बिना अधूरा 
  • ओबीसी को लेकर अखिलेश यादव ने कहा- यह बिल आधा-अधूरा 
  • असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम महिलाओं को भी विधेयक में शामिल करने का मुद्दा उठाया 
  • मायावती ने कहा- इसे अविलंब लागू किया जाना चाहिए
  • लोकसभा चुनाव के बाद परिसीमन और जनगणना शुरू की जाएगी

सोनिया बोलीं- पहले राजीव ने पेश किया:

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था।

दुबे बोले- आज तो पीएम ने गोल किया :

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का श्रेय लेना चाहती है, लेकिन विपक्ष गलत विधेयक लेकर आया था। जो जीता, वही सिकंदर होता है। गोल मारने वाले को ही श्रेय दिया जाता है और आज यह गोल पीएम ने मारा है। आपको यह मानना ही पड़ेगा।

    ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने बिल में प्रस्तावित आरक्षण से ज्यादा महिलाएं संसद में भेजी हैं। अब भाजपा को इसे फॉलो करना चाहिए और समर्थन देना चाहिए। - महुआ मोइत्रा, टीएमसी सांसद

   सवाल यह है कि सरकार महिला कल्याण की बात कैसे कर रही है, जबकि उनके मंत्री चुनी गई महिला सांसद विरोधी कमेंट करते हैं। ऐसी कई घटनाएं हैं। -सुप्रिया सुले, वर्किंग प्रेसिडेंट एनसीपी

हमने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है। एक और सुखद संयोग है कि राज्य विधानसभाओं और देश की संसद में महिलाओं के लिए ऐसा ही आरक्षण देने वाला एक प्रस्ताव आगे बढ़ रहा है। - द्रौपदी मुर्मु, राष्ट्रपति

यह आरोप लगाया गया कि आप ओबीसी और मुस्लिम रिजर्वेशन क्यों नहीं देते? उनको शायद इस बात का आभास नहीं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जब यह अधिनियम लागू होगा, उसके 15 वर्षों तक महिलाओं को रिजर्वेशन की गारंटी रहेगी। - स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री