अंतरराष्ट्रीय पटल पर सहयोग और समन्वय के नए मॉडल की आवश्यकता

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी- 20 देशों के प्रतिनिधियों को संदेश देते हुए कहा कि कोविड के दौरान भारत में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कार्मिकों ने अपने काम से कौशल व समर्पण को दिखाया। भारत में दुनिया के लिए कुशल कार्यबल के सबसे बड़े प्रदाताओं में से एक बनने की क्षमता है। गतिशील कार्यबल की भविष्य में वैश्विक स्तर पर जरूरत होगी। ऐसे में अब कौशल विकास और साझेदारी को वैश्वीकृत करने का समय आ चुका है। जी-20 देशों को इसमें अग्रणी भूमिका निभाना चाहिए।
इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक के दौरान मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के अलावा 26 देशों के मंत्री शामिल हुए। पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कौशल और योग्यता वाले व्यवसाय शुरू करने के प्रयास सराहनीय हैं। यह दुनियाभर के देशों को बेहतर कौशल, कार्यबल योजना और लाभकारी रोजगार के लिए नीतियां बनाने की दिशा में सशक्त बनाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार क्षेत्र में हो रहे त्वरित परिवर्तनों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियां तैयार करने की जरूरत हैं। चौथी औद्योगिक ङ्मीांति के इस युग में रोजगार को बढ़ावा देने में तकनीक का अहम रोल हो गया है। वर्तमान में युवाओं को उन्नत तकनीक में कुशल बनाने की जरूरत है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ पर प्रकाश डालते हुए कहा अब तक हमारे साढ़े 12 करोड़ से ’यादा युवाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं।
कौशल की वैश्विक कमी दूर करने पर एकमत हुए जी-20 देश : यादव
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को जी-20 देशों के रोजगार कार्यसमूह की बैठक के समापन पर प्रेस ब्रीफिंग की। उन्होंने कहा कि सभी जी-20 सदस्य देशों ने वैश्विक स्तर पर विभिन्न कौशल की कमी दूर करने के लिए कदम उठाने पर हुए विचार मंथन के बाद तैयार मसौदे पर सहमति दे दी है।
भू-राजनीतिक मसले पर नहीं बनी सहमति - बैठक में परिणाम दस्तावेजों (मसौदे) और अध्यक्षीय सार को सर्वसम्मति से अपनाया गया है। हालांकि इसमें शामिल भू- राजनीतिक मसले के पैरा पर सहमति नहीं बन सकी। जी-20 के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में 176 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें इस समूह के सदस्य देशों और आमंत्रित देशों के 26 मंत्रियों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन और विश्व बैंक समेत 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं।
पीएम मोदी के संदेश के मुख्य बिंदु
- गिग व प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था से श्रमिकों की श्रेणी में एक परिवर्तनकारी बदलाव है। कोविड महामारी के दौरान यह महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में सामने आया है।
- भारत में हमने ‘ई-श्रम पोर्ट’ बनाया है। एक वर्ष में ही करीब 28 करोड़ श्रमिकों ने इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
- लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हमारे पास सार्वजनिक स्वास्थ्य , खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन कार्यङ्मीम हैं। सामाजिक सुरक्षा के स्थायी वित्तपोषण के लिए संकुचित दृष्टिकोण अपनाना ठीक नहीं है।