कोरोना के कारण कोई नहीं आता कुल्फी खरीदने, अब सहा नहीं जाता

कोरोना के कारण कोई नहीं आता कुल्फी खरीदने, अब सहा नहीं जाता

शुक्रवार शाम करीब 5 बजे का समय था, एक फटी हुई शर्ट पहने भारी बारिश में बीच एक युवक गुल मोहम्मद अपने आप को बारिश से बचा रहा था। सामने रोड पर उसका कुल्फी का ठेला था। गुल मोहम्मद थोड़ा भीग चुका था। पीपुल्स समाचार ने जब गुल मोहम्मद से बात की तो गुल मोहम्मद ने बताया कि वह यूपी का रहने वाला है और वह करीब 8 साल से भोपाल में रह रहा है। गुल मोहम्मद का कहना कि लॉकडाउन के बाद से करीब 12 हजार रुपए तो सिर्फ घर के किराए की उधारी सिर चढ़ गई है और पैसे बिल्किुल भी नहीं हैं। ठेले के लिए तिरपाल खरीदने के पैसे होते तो मूंगफली का ठेला लगाता, मगर वक्त और हालात को देखते हुए कुल्फी का ठेला लगाया है। हालांकि बारिश के कारण यह धंधा भी पूरी तरह से बंद है। वैसे पिछले साल इस सीजन में कुल्फी बेचना फायदे का सौदा हुआ करता था। अब तो सब कुछ अल्लाह भरोसे है। जैसे-तैसे लॉकडाउन काट लिया, मगर अब सहा नहीं जाता।