कोई चाहता है सामान्य जन-जीवन तो किसी की चाहत अभी छूट न मिले

कोई चाहता है सामान्य जन-जीवन तो किसी की चाहत अभी छूट न मिले

जबलपुर । अब बहुत हो गया। पिछले 68 दिनों से घरों में कैद हैं। काम- धंधा बंद है। कोरोना संक्रमण के डर से जान बचाने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए वे सही हैं,मगर अब इनमें छूट मिलनी ही चाहिए। लॉक डाउन 5.0 की छूट ठीक ही हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है कि बेहद गरीब वर्ग जो रोज कमाने खाने वाला है उसकी हालत बेहद बुरी है। उन्हें सरकारी तौर पर नगद राशि मिलनी चाहिए। वहीं व्यापारिक गतिविधियों को सुरक्षित माहौल में चालू करवाया जाना चाहिए। यह प्रतिक्रिया रही शहर के जनमानस की। पीपुल्स टीम ने रविवार को शहर के चुनिंदा लोगों से बातचीत की तो यही प्रतिक्रियाएं सामने आर्इं। लॉक डाउन से हर कोई परेशान है,चाहे वह अति गरीब हो।

छूट की चाहत पर साथ है संक्रमण की दहशत

सामान्य गरीब हो या मध्यम वर्गीय या उच्च मध्यम वर्गीय और यहां तक की अमीर या बेहद अमीर हों। ज्यादातर अब लॉक डाउन से मुक्ति चाहते हैं। हालांकि उनमें भय भी है कि कहीं कोरोना संक्रमण के शिकार न बन जाएं। सभी का मानना है कि इसके लिए जरूरी एहतियात अनिवार्य रूप से बरते जाएं। इसके साथ ही एक बहुत बड़ा वर्ग है जो सारे खतरों से गाफिल है और अक्सर भीड़ के रूप में सामने आ रहा है।

स्कूल-कोचिंग और घर की पढ़ाई में अंतर मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता हूं। लॉक डाउन में स्कूल बंद हैं। घर से ही पढ़ाई कर रहा हूं। अब तो परीक्षा भी तय हो गई है। इस बार रिजल्ट कैसा रहेगा इस बात की चिंता है। स्कूल,कोचिंग और घर की पढ़ाई में अंतर होता है। आयुष गुप्ता,छात्र।

केवल सीमित छूट देनी चाहिए मुझे लगता है कि लॉक डाउन में केवल सीमित छूट देनी चाहिए। हमारे शहर में देखा गया है कि छूट न होने के बाद भी बाजारों में लोग जाम लगा लेते हैं। जब तक संक्रमण से पूरी तरह से मुक्ति नहीं मिलती सीमित छूट दी जानी चाहिए। तनु ठाकुर,गृहिणी।

स्कूल बिलकुल नहीं खुलने चाहिए स्कूल बिलकुल नहीं खुलने चाहिए,क्योंकि सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को ही है। सभी नागरिकों का घर-घर जाकर चैकअप होना चाहिए। वास्तविक गिनती पता होना चाहिए। जरूरत की चीजों की दुकान खुलनी चाहिए। प्रियंका जाधव, मॉडल, सिविल लाइंस निवासी।

हमारी पढ़ाई भी डिस्टर्ब हुई लॉक डाउन से सभी परेशान हैं ये ठीक है। हमारी पढ़ाई भी डिस्टर्ब हुई है मगर जान बचाने के लिए यह जरूरी था। हम सभी यदि काम से निकल भी रहे हैं तो यातायात के नियमों का और संक्रमण से बचने सावधानी रखें। वंशिका नागपाल, कॉलेज छात्रा।

मेरी नजर में अभी लॉकडाउन न खुले मेरी नजर में अभी लॉकडाउन नहीं खुलनाचाहिए। जब देश में 300केस थे तो टोटल लॉकडाउन लग गया था अब1.83 लाख केस हैं तोछूट दी जा रही है। गरीबोंको नगद राशि दें कर्मचारियों को वेतनदें,मगर छूट अभी न दें।हिमांशु यादव,व्यापारी,नेपियर टाउन।