अंकों के मुताबिक नहीं 8 साल बाद का भविष्य देखते हुए सिलेक्ट करें सब्जेक्ट

अंकों के मुताबिक नहीं 8 साल बाद का भविष्य देखते हुए सिलेक्ट करें सब्जेक्ट

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल का दसवीं का परिणाम घोषित हुआ, इसके साथ ही कई स्टूडेंट्स सब्जेक्ट चॉइस तय कर चुके हैं तो कुछ रिजल्ट आने के बाद सब्जेक्ट सिलेक्शन करेंगे या उसकी चॉइस में बदवाल करेंगे। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब अंकों के आधार पर विषय का चुनाव करने की बजाए खुद को भविष्य में कहां देखते हैं, यह सोचकर विषय का चुनाव करेंगे तो यह बेहतर ढंग से सब्जेक्ट सिलेक्शन कर सकेंगे। इसके अलावा यदि किसी तरह का कंयूजन है, तो करियर काउंसलर से मिलकर एप्टीट्यूट टेस्ट भी दे सकते हैं। बस किसी की देखा-देखी विषय का चुनाव न करें। अपनी रुचियों और क्षमताओं को भी ध्यान में रखें। अपने व्यक्तित्व के मुताबिक या व्यक्तित्व में बदलाव करते हुए कोई विषय लेना चाहते हैं तो जरूर लें। सब्जेक्ट सिलेक्शन और अंक कम आने को लेकर हेल्पलाइन पर स्टूडेंट्स के कॉल्स भी आना शुरू हो चुके हैं।

इनोवेशन और क्रिएटिविटी पर फोकस रहेगा

अब नए ट्रेंड के मुताबिक इनोवेशन व क्रिएटिविटी पर फोकस रहेगा। स्टूडेंट्स यह देखें कि आज से लगभग 8 साल बाद खुद को कहां देखते हैं। उसके मुताबिक भविष्य का मानचित्र तैयार करें न कि अंक देखकर। आॅनलाइन काउंसिलंग काउंसलिंग भी करा सकते हैं।

अपनी रुचियों और जुनून का आकलन करें

अक्सर हम देखते हैं कि बहुत सारे प्रोफेशनल्स अनचाहे मन से काम करते हैं। जीवन में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमेशा अपनी रुचियों और जुनूनों को ध्यान में रखना चाहिए। और इस प्रक्रिया में आपका पहला कदम यह पहचाने का होना चाहिए कि कौन सा विषय या करियर विकल्प आपको उत्साहित करता है। कोई भी स्ट्रीम चुनते हों, सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप इसके अंतर्गत कवर किए गए विषयों में दिलचस्पी रखते है या नहीं।