आयकर विभाग में अब ‘फेसलेस’ असेसमेंट

आयकर विभाग में अब ‘फेसलेस’ असेसमेंट
आयकर विभाग में अब ‘फेसलेस’ असेसमेंट

 भोपाल आयकर विभाग ने अपनी छह दशक पुरानी कार्यशैली में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए फेसलेस असेसमेंट व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब आयकर अफसर और करदाता एक-दूसरे का चेहरा नहीं देख सकेंगे। पारदर्शी व्यवस्था की खातिर टैक्स का ऑकलन ऑनलाइन होगा। विशेष सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर ही देश के किसी भी अधिकारी को करदाता का टैक्स असेसमेंट का काम सौंप देगा।

घूसखोरी, टैक्सपेयर को परेशान करने की शिकायतें होंगी खत्म

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम लागू होने के छह दशक बाद इस क्रांतिकारी बदलाव को हरी झंडी दी है। पिछले साल दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी पारदर्शी व्यवस्था बनाने की बात कही थी। इसके बाद ही सीबीडीटी ने विभाग की कार्यशैली में बदलाव के लिए नई ‘फेसलेस ’ व्यवस्था को लागू किया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अब विभाग में रिश्वतखोरी और करदाताओं को अनावश्यक परेशान करने जैसी शिकायतें बिल्कुल खत्म हो जाएंगी। सरल शब्दों में कहें तो किसी भी आयकर अधिकारी का कार्यक्षेत्र अब ऑल इंडिया हो जाएगा। मामलों की समीक्षा व अपील की भी व्यवस्था भी रखी गई है।

 सिस्टम पूरे देश में लागू 

सीबीडीटी ने अक्टूबर 2019 में देश के कुछ शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस सिस्टम को लागू किया था। इसके परिणाम काफी उत्साहजनक रहे। अब फेसलेस असेसमेंट सिस्टम को पूरे देश में लागू कर दिया गया है। रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शत-प्रतिशत आॅनलाइन कर दी गई है। इसमें डॉटा एनालिटिक्स और आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस की मदद से टैक्स असेसमेंट के प्रकरण चिह्नित किए जाएंगे।

 9000 मामले निपटाए

अब तक 9000 टैक्स निर्धारण के मामले इस सिस्टम से निपटाए गए हैं। 8,701 मामले फायनल हो गए हैं। वहीं 296 मामलों में कुछ एडीशन किया गया। मप्र-छग में 295 कार्यक्रमों के जरिए करदाताओं को यह स्कीम समझाई गई। 200 प्रकरणों में फेसलेस असेसमेंट की प्रक्रिया जारी है। -एके चौहान , प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, मप्र-छग