अब बढ़ाया चंबल नहर में पानी, 3500 क्यूसेक छोड़ा, सबलगढ़ पहुंचा, आज भिंड तक पहुंचेगा

अब बढ़ाया चंबल नहर में पानी, 3500 क्यूसेक छोड़ा, सबलगढ़ पहुंचा, आज भिंड तक पहुंचेगा

ग्वालियर।तीन दिन से कोटा बैराज चंबल दाहिनी नहर में खरीफ फसल के लिए पानी दे रहा है। पहले दिन 1500 क्यूसेक पानी चलाया गया लेकिन अब बढ़ाकर 3500 क्यूसेक कर दिया गया है। नहर का पानी मुरैना पहुंच चुका है और गुरुवार की शाम तक भिंड पहुंचने की संभावना है। चंबल दाहिनी नहर से चंबल संभाग के तीनों जिलों की करीब 3 लाख 65 हजार हेक्टेयर जमीन पर पैदावार होने वाली खरीफ की फसल लाभान्वित होगी। उधर हरसी डैम से ग्वालियर से डबरा, भितरवार और चीनौर की 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर फसल को लाभ मिलेगा। तीन साल बाद खरीफ फसल को इन्द्रदेव की जगह कोटा बैराज, हरसी और पिलुआ डैम पर आश्रित होना है। वर्ष 2017-18 में भी अवर्षा की स्थिति पैदा हो गई थी। उस समय भी चंबल संभाग के अन्नदाता की प्यास बुझाने के लिए कोटा बैराज से पानी छोड़ा गया था। वर्ष 2020 में भी अवर्षा की स्थिति पैदा हो गई है। आषाढ़ और सावन बीतने के बाद भादौ से ज्यादा उम्मीद करना बेमानी है। खंड वर्षा ने भी अन्नदाता को परेशान किया है। कोटा से श्योपुर जिले में 66 हजार हेक्टेयर, मुरैना में 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर तथा भिंड में करीब 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर जमीन के लिए पानी छोड़ा गया है।

कोटा, हरसी और पिलुआ डैम से छोड़ा जा रहा पानी

मालुम हो कि सबसे ज्यादा पानी कोटा बैराज से चंबल संभाग के तीनों जिलों के लिए 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। करीब दस दिन तक यह पानी चलेगा। कोटा बैराज पर ईई संदीप ने बताया कि पानी जरूरत के हिसाब से घटाया और बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल हम 10 अगस्त तक पानी छोड़ेंगे। अगर कोई नया निर्देश मिला तो उसके हिसाब से रणनीति बनाई जाएगी। बैराज के अलावा हरसी डैम से ग्वालियर जिले के भितरवार, डबरा और चीनौर इलाके में करीब 40 हजार हेक्टेयर फसल के लिए पानी छोड़ा गया है। यही स्थिति पिलुआ डैम से है। वहां से छोड़ा गया पानी गोहद सब डिवीजन के अन्नदाता लाभ उठा रहे हैं। नहर से जुड़ी डिस्ट्रीब्यूटरियों के लिए कई अन्य गांव के लोग भी लाभ उठा रहे हैं। पूर्वमंत्री लाल सिंह आर्य कहते हैं कि नहर के भरोसे ही किसानों की आशा जीवित है। इन फसलों को मिलेगी संजीवनी धान, ज्वार, बाजार, तिल, उड़द, इत्यादि फसलों को संजीवनी मिलेगी। तीनों जिलों में एक-एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल की पैदावार होना है। तीनों जिलों को मिलाकर करीब 40 हजार किसानों को सिंचाई के लिए पानी की दरकार है। मप्र और राजस्थान सरकार के आला अधिकारियों के बीच मंत्रणा के बाद हमने शनिवार से चंबल नहर में 3500 क्यूसेक पानी छोड़ा है। हरसी डैम से डबरा, भितरवार और चीनौर तथा पिलुआ डैम से गोहद और उसके आसपास के क्षेत्र के लिए पानी नहरों के जरिए किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा रहा है। आरपी झा, अधीक्षण यंत्री, सिंचाई विभाग