अब दुबई की तर्ज पर चंबल सफारी का आनंद ले सकेंगे सैलानी

ग्वालियर। दुबई में रेत के टीलों पर सफारी का सैलानियों को आनंद दिलाया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर चंबल घाटी में देशी-विदेशी सैलानियों को 180 किमी में फैले बीहड़ में आनंद दिलाया जाएगा। इनमें पूर्व दस्युओं से न सिर्फ मुलाकात होगी, बल्कि उनके द्वारा अपने जीवन के किस्से भी बताए जाएंगे। सैलानियों को बीहड़ों में तंबू गाड़कर रात्रि विश्राम भी कराया जाएगा। रेत के पहाड़ों पर दुबई में सफारी कराई जाती है, इस तरह चंबल के बीहड़ों में सफारी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। बीहड़ों के ऊंचे- नीचे, घुमावदार रास्ते चंबल सफारी को रोमांचित करेंगे। यह पूरा प्रोजेक्ट 1 मई से 7 मई के बीच सैलानियों के मध्य में आकार लेगा। भिंड-मुरैना का नाम डकैतों के किस्से और कहानियों के लिए कुख्यात रह चुका है। अब यही आत्मसमर्पित डकैत सफारी से जुड़कर सैलानियों के बीच अपनी जिंदगी के किस्से बताएंगे। श्योपुर निवासी पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार और लहार (भिंड) निवासी पंचम सिंह तथा विख्यात पान सिंह के परिजनों के जरिए सफारी का आनंद लेने आने वाले सैलानियों को किस्से और कहानियां भी बताई जाएंगी।
नाइट सफारी भी होगी रोमांचक
चंबल सफारी का आनंद लेने जो भी सैलानी आएंगे, वे बीहड़ों में टेंट लगाकर रात्रि में चंबल के बीहड़ों का लुत्फ ले सकेंगे। अभी तक सफारी में मुरैना और श्योपुर जिले को ही जोड़ा गया है। यूपी के इटावा जिले के बीहड़ों की लंबाई जोड़ ली जाए तो यह 240 किमी लंबी सफारी होगी। टेंट में दृश्य ऐसा ही दिखेगा, जैसे वे 1970 के दशक में पहुंच गए हैं।
चंबल जोन के अधिकारी भी आएंगे : इस सफारी को चंबल जोन से कनेक्ट करने के लिए 7 मई को भिंड, मुरैना, श्योपुर जिलों के अधिकारी भी उपलब्ध रहेंगे, ताकि इस सफारी के प्रोजेक्ट को और विस्तार दिया जा सके।
सैलानियों को आनंद की अनुभूति कराएंगे
मुरैना में चंबल सफारी (प्रोजेक्ट) आकार ले रहा है। मुरैना और श्योपुर को जोड़कर तैयार किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट सैलानियों को बीहड़ के घुमावदार और ऊंचे-नीचे रास्तों के आनंद की अनुभूति कराएंगे। - इच्छित गढ़पाले, सीईओ, जिला पंचायत मुरैना